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Homeअंतर्राष्ट्रीयक्यूबा में 2019 से जासूसी का ठिकाना बना रहा चीन, अमेरिकी खुफिया...

क्यूबा में 2019 से जासूसी का ठिकाना बना रहा चीन, अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में दावा

अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट सामने आई है, जिसके बाद देश में बवाल मच गया है. यूएस इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन 2019 से क्यूबा के गुप्त ठिकानों से अमेरिका की जासूसी कर रहा है. हालांकि क्यूबा ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है.  

बाइडेन प्रशासन के एक अधिकारी ने शनिवार को नए जासूसी प्रयास के बारे में कहा है कि चीन बीते कुछ समय से क्यूबा के जरिए अमेरिका की जासूसी कर रहा है. 2019 से उसने खुफिया तंत्रों को अपग्रेड किया है. वॉल स्ट्रीट जर्नल ने गुरुवार को एक रिपोर्ट में बताया कि चीन ने क्यूबा के साथ फ्लोरिडा से करीब 160 किमी दूर द्वीप पर एक इलेक्ट्रॉनिक ईव्सड्रॉपिंग सुविधा स्थापित करने के लिए एक गुप्त समझौता किया था, लेकिन अमेरिका और क्यूबा की सरकारों ने रिपोर्ट पर कड़ा संदेह जताया. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, नाम न छापने की शर्त पर बाइडेन प्रशासन के अधिकारी ने कहा कि मीडिया की रिपोर्ट हमारी समझ के अनुरूप नहीं है. इस रिपोर्ट में ये नहीं बताया गया कि चीन ने हमारी जासूसी करने के लिए क्या प्रयास किए. अधिकारी ने कहा कि यह मुद्दा जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने से पहले का है क्योंकि बीजिंग ने दुनिया भर में अपने खुफिया संग्रह के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के प्रयास किए थे. उन्होंने कहा कि इसमें कोई नया डेवलेपमेंट नहीं है. PRC ने 2019 में क्यूबा में अपनी खुफिया सुविधाओं को अपग्रेड किया. यह खुफिया रिकॉर्ड में अच्छी तरह डॉक्यूमेंटेड है. वाशिंगटन में चीनी दूतावास के एक अधिकारी ने चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा शुक्रवार को दिए गए बयान की ओर से इशारा किया, जिसने क्यूबा के जासूसी स्टेशन की बात करके अमेरिका पर अफवाह फैलाने और बदनामी करने का आरोप लगाया. साथ ही सबसे शक्तिशाली हैकर साम्राज्य होने का आरोप भी लगाया. गुरुवार को क्यूबा के उपविदेश मंत्री कार्लोस फर्नांडीज डी कोसियो ने जर्नल की रिपोर्ट को पूरी तरह से भ्रामक बताकर खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि क्यूबा लैटिन अमेरिका और कैरेबियन में किसी भी तरह की विदेशी सैन्य उपस्थिति को खारिज करता है. क्यूबा से चीन द्वारा जासूसी के आरोप ऐसे समय में लगे हैं, जबकि दोनों देश तनाव को शांत करने के लिए अस्थायी कदम उठा रहे हैं और एंटनी ब्लिंकन 18 जून को चीन दौरे पर जाने वाले हैं. दरअसल बीते दिनों अमेरिका के आसमान में चीन द्वारा उड़ाए गए संदिग्ध जासूसी गुब्बारे उड़ाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था. हालांकि अमेरिकी सेना ने गुब्बारे को मार गिराया था. इस घटना के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने अपनी चीन यात्रा को रद्द कर दिया था. 

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