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कार्तिक पूर्णिमा पर हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डूबकी

जौनपुर धारा, जौनपुर। कार्तिक पूर्णिमा पर सोमवार को भोर पहर से गंगा स्नान के लिए भक्तों का संगम उमड़ा। नगर के सूरज घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु शहर और आस-पास जिलों से पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई। सूरज घाट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। इसी तरह गोमती तट लोगों ने गोमती में डुबकी लगाने के बाद भगवान विष्णु की पूजा की तथा गरीबों में वस्त्र, अन्न आदि का दान दिया। स्नान और दान के बाद श्रद्धालुओं का रेला मेला की ओर पहुंचा। वहां लोगों ने रेवड़ी, गट्टा, लाई, चिवड़ा के साथ मिठाइयों का स्वाद लिया। यहां किसानी और घरेलू उपयोग का चौका, बेलना, हाथा, दौरी, सूप, चलनी, मिट्टी के बर्तन के साथ ही खेती-किसानी के सामानों जुआठ, तावा, चाकू, हंसिया, खुरपी, फरसा आदि की खरीदारी की। यह मेला और स्नान पर्व देर शाम तक चलता रहा।

गोमती स्थल पर हजारों श्रद्धालु तड़के से ही स्नान शुरू कर दिए। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अष्टावक्र महराज की पूजा भी किया। यहां त्रिमुहानी पर विशाल मेले का आयोजन रहा। आदिगंगा गोमती नदी तट पिलकिछा/तिलवारी घाट पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान और दान किया। आज से ही यहां का सप्ताहभर चलने वाला ऐतिहासिक मेला भी शुरू हो गया। इस पवित्र घाट पर स्नान के बाद श्रद्धालु अन्न और द्रव्य का दान करते हैं।

वर्षों से चले आ रहे इस परम्परा के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूरजघाट का नहान होता है, जिसमें दूर-दराज से आये लोग इस पावन पर्व पर हजारों की संख्या में डुबकी लगातें है। पूर्णिमा के इस महान पर्व पर जहाँ लाखों लोगों का आना-जाना रहा है वहीं पुलिस-प्रशासन की भी व्यवस्था चुस्त दुरूस्त रही। इस दिन लोग जनपद के कोने-कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आतें है। स्नान और दान के बाद जमकर देसी सामानों की खरीदारी करतें है। इस स्नान वाले स्थान के काफी दूर तक मेला आकर्षक का केन्द्र बना रहा। मेंले में अधिकतर मिट्टी के बर्तनों की खरीदी के साथ ही गुड़ वाली जलेबी, लाई, चूड़ा, गट्टा, चाट, पकौड़ियों के ठेले भी गुलजार रहे। दूर-दराज से आये दर्शनार्थियों ने पहले स्नान किया और फिर घाट के पास ही स्थित मंदिर में मत्था टेका व शान्ति के लिये ईश्वर से प्रार्थना की।

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