अयोध्या. हिंदू पंचांग के मुताबिक साल के प्रत्येक महीने में त्रयोदशी तिथि को प्रदोष काल में व्रत और पूजा का विधान है. प्रदोष का व्रत भगवान शंकर को समर्पित है. प्रत्येक माह में दो बार प्रदोष का व्रत किया जाता है. एक कृष्ण पक्ष में तो दूसरा शुक्ल पक्ष में प्रदोष का व्रत रखा जाता है. कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत 10 नवंबर को रखा गया था. तो वहीं अब दूसरा प्रदोष व्रत 24 नवंबर को रखा जाएगा. ऐसी स्थिति में आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और कैसे प्रदोष व्रत में आप भगवान शंकर को प्रसन्न कर सकते हैं तो चलिए जानते हैं.
दरअसल अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि साल के प्रत्येक महीने में दो बार प्रदोष का व्रत रखा जाता है. तो वही कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत 10 नवंबर को रखा गया था. तो दूसरा प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाएगा. स्थिति की शुरुआत 24 नवंबर दिन शुक्रवार शाम 7:06 से प्रारंभ हो रहा है. जिसका समापन 25 नवंबर शाम 5:22 पर होगा. ऐसी स्थिति में प्रदोष का व्रत 24 नवंबर को रखा जाएगा. शुक्रवार के दिन पढ़ने वाले प्रदोष व्रत को शुक्र प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाता है. जिसमें पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम 7:06 से रात्रि 8:06 तक रहेगा.
प्रदोष व्रत में करें इन चीजों का दान
- अगर आप प्रदोष व्रत कर रहे हो तो आपके गरीब असहाय जरूरतमंद लोगों को अन्य का दान करना चाहिए.इस दिन ऐसा करने से महादेव की विशेष कृपा रहती है. घर परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है.
- इसके अलावा प्रदोष व्रत के दिन सफेद रंग के वस्त्र का दान करना चाहिए. कहा जाता है इस दिन ऐसा करने से मान सम्मान में भी वृद्धि होती है. करियर में सफलता मिलती है.
- इसके साथ ही प्रदोष व्रत के दिन उड़द की दाल का दान करना बहुत ही शुभकारी माना जाता है. कहा जाता है ऐसा करने से व्यापार व्यवसाय में लाभ की योग्य भी बनते हैं.