शेर बहादुर यादव
जौनपुर धारा,सिकरारा। जनपद में दोहरे की बिक्री रोकने के लिए जिला प्रशासन ने कई बार कदम उठाया, लेकिन हर बार बंद होने के बजाय दोहरे का व्यापार बढ़ता ही गया और खाने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। लोगों को अच्छी तरह पता है कि केमिकल रहित दोहरा अधिक खाने से कैंसर जैसी घातक बीमारी से जूझना पड़ सकता है, फिर भी लोग इसके सेवन से बाज नहीं आ रहे हैं। युवा वर्ग तो खा ही रहा है, साथ ही जागरूक लोग भी इस जहर में अमृत का मजा खोज रहें हैं। अधिकांश स्थानो पर तो कुछ डॉक्टर, पुलिस, प्रधान इत्यादि लोग भी खाते देखे जा रहे हैं। जनपद के कुछ संगठनों द्वारा प्रार्थना पत्र देकर अक्सर प्रशासन से बन्द कराने की मांग की जाती रहती है, लेकिन इसका चस्का लोगों के दिमाग पर इस कदर चढ़कर बोल रहा है कि यह विशाख्त पदार्थ बंद नहीं हो पा रहा है। दोहरे को बन्द कराने के लिये डीएम जौनपुर ने भी कई बार आदेश दिया और कड़ाई से पालन कराने का निर्देश भी दिया। लेकिन उनके आदेश को क्षेत्रिय प्रशासन ने कोई वजन नहीं दिया। आलम यह है कि मौत का यह सामान धड़ल्ले से अपना पाव पसार रहा है। जिले से लेकर गांव की गलियों तक दोहरा दोगूने दामों पर बिक रहा है। दोहरा बेचने वाले को इतनी खुली आजादी मिल गई है कि चाहे वह चाय पान की दुकान हो किराना की दुकान अथवा जनरल स्टोर हो यहां तक की कुछ कपड़े के दुकानदार भी दोहरा आसानी से बेच रहे हैं। अभी कुछ माह पहले दोहरा विक्रेताओं का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वायरल होने के बाद एक बड़े थोक में दोहरा बेचने वाले व्यापारी को सिकरारा पुलिस ने पकड़ा था और चालान भी न्यायालय में किया था। इसके बाद भी दोहरा का कारोबार बंद नहीं हुआ। दोहरा बेचने वाले एक व्यापारी ने अपना नाम न छपवाने की शर्त पर बताया की। दोहरा बंद करना इतना आसान नहीं है दोहरा जो बेचता है वह स्थानीय पुलिस सहित जिले पर बैठे खाद्यय विभाग के अधिकारियों को सुविधा शुल्क देता रहता है। ऐसे में अब अकेले जिला अधिकारी क्या ही कर सकते हैं, सिर्फ अपने अधीनस्थ अधिकारियों को बंद करने का आदेश ही दे सकते हैं। बताया कि उनका आदेश मिलते ही दोहरा व्यापारियों को पकड़ने के बजाय उनका सुविधा शुल्क और अधिक बढ़ा दिया जाता है। धीरे-धीरे स्थिति अब यह होती जा रही है कि अच्छे लोग भी गलत तरीके से कार्य करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। क्योंकि लोगों के समझ में अब यह आने लगा है कि चाहे जो करो पुलिस व संबंधित अधिकारी को सुविधा शुल्क देते रहो कहीं कुछ होने वाला नहीं है। इसलिए दिन प्रतिदिन लोग कुछ ना कुछ अवैध कार्य में संलिप्त होते जा रहे हैं। या तो यूं कहिए कि पुलिस विभाग द्वारा सुविधा शुल्क लेकर अवैध कारोबार को बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ यह भी देखा जा रहा है कि सरकारी भांग की दुकानों पर अवैध गांजे की बिक्री की जाती है। बता दें कि यह अवैध कारोबार पुलिस के लिए दुधारू गाय साबित हो रही है।