- एसबीआई की मुख्य शाखा पर धरना प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन
जौनपुर धारा, जौनपुर। आम भारतीय की कीमत पर अपने करीबी दोस्तों और चुनिंदा अरबपतियों को फायदा पहुँचाने की मोदी सरकार की नीतियों से पूरा देश, खासकर मध्यम वर्ग चिंतित है। मोदी सरकार द्वारा अडानी समूह में एलआईसी और एसबीआई जैसे सरकारी संस्थानों के बेहद जोखिम भरे लेनदेन और निवेश ने भारत के निवेशकों एलआईसी के 29 करोड़ पॉलिसी धारकों और एसबीआई के 45 करोड़ खाताधारकों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। इस अवसर पर शहर अध्यक्ष विशाल सिंह हुकुम ने कहाकि हम जानते हैं कि एलआईसी और एसबीआई जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हमारे देश का गौरव हैं और करोड़ों भारतीयों की गाढ़ी कमाई से बने हैं। अपने सबसे अच्छे दोस्त की मदद करने के इरादे से मोदी सरकार ने जबरदस्ती एलआईसी, एसबीआई और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अडानी समूह में निवेश किया है और पिछले कुछ दिनों में एलआईसी के 39 करोड़ पॉलिसीधारकों और निवेशकों को 33,060 करोड़ का नुकसान हुआ है। भारतीय स्टेट बैंक और अन्य भारतीय बैंकों ने अडानी समूह को भारी मात्रा में ऋण दिया है। अडानी समूह पर भारतीय बैंकों का लगभग 80,000 करोड़ बकाया है। कांग्रेस पार्टी कभी भी किसी खास भारतीय कॉर्पोरेट घराने के खिलाफ नहीं रही है, हम क्रोनी कैपिटलिज्म (घोर पूंजीवाद) के खिलाफ हैं। हम चुनिंदा अरबपतियों को लाभ पहुँचाने के लिए नियम बदलने के विचार के खिलाफ हैं। हम हमेशा गरीब और आम आदमी के साथ खड़े हैं और रहेंगे। कांग्रेस पार्टी एलआईसी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा बाजार मूल्य खोने वाली कम्पनियों में करोड़ों भारतीयों की गाढ़ी कमाई को खतरे में डालने के मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए संसद में लड़ रही है। कांग्रेस के पदाधिकारियों ने निम्नलिखित मांगों का ज्ञापन प्रशासन को सौंपा जिसमें सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के तहत हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की विस्तार से निष्पक्ष जॉच की जाए। एलआईसी, एसबीआई और अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों के जबरदस्त निवेश पर संसद में चर्चा की जानी चाहिए और निवेशकों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए। इस अवसर पर देवराज पांडे, राकेश उपाध्याय, रेखा सिंह, निधु पाठक, राकेश मिश्रा, सीमा सिंह चौहान, सुनील यादव, बबलू गुप्ता, विशाल सेठ, प्रमोद सिंह आदि मौजूद रहे।