जौनपुर धारा, जौनपुर। भीषण गर्मी के कारण लोगों का हाल बेहाल और रात की नींद भी हराम है। वहीं अघोषित बिजली कटौती ने लोगों की समस्याओं को और भी बढ़ा दिया है। कस्बा व जिला मुख्यालय में भी बिजली की कटौती जारी है, ग्रामीण क्षेत्रो की हालत तो और भी खराब है। किसी भी तरह के फाल्ट होने के पर विभाग के पास रटा-रटाया बस एक ही जवाब रहता है कि 33000 पोल से फाल्ट है, और दिन तो दिन रात में भी बिजली की आंख मिचौली चालू रहती है। जिले में इन दिनों कुछ क्षेत्र में ऐसी कटौती हो रही है कि दिन में न सुकून मिल रहा और न ही रात में सही से नींद आ रही।

लोकल फोल्ट के नाम पर अक्सर कटौती होती रहती है, लेकिन यदि बिजली लम्बे समय के लिये कटती है तो विभागीय जवाब ३३हजार वोल्टेज से फाल्ट ही बताया जाता है लेकिन उसका कोई पुख्ता इंतेजाम आज तक नहीं हो पा रहा है। गर्मी शुरू होने के पहले तो विभाग बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन गर्मी शुरू होते ही व्यवस्थाओं का मामला नील हो जाता है। समस्या यह है कि बिजली की अघोषित कटौती से शहर से लेकर गांव तक हाहाकार मचा हुआ है। शेड्यूल के अनुसार बिजली आपूर्ति के दावे यहां हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। शहर में रात व दिन में कई बार कटौती की जा रही है, इससे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। शहर में आपूर्ति का शेड्यूल वैसे तो 24घंटे है, लेकिन शेड्यूल के अनुसार लोगों को बिजली नहीं मिल पा रही है। विद्युत उपकेंद्र अहियापुर से चन्द कदम की दूरी पर ही 33000 बिजली सप्लाई वाला खम्भा टूट कर दिवाल के सहारे लटका पड़ा है। जिसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं, बल्कि हर बड़े फाल्ट पर 33हजार की दुहाई ही दी जाती है। वहीं दूसरी तरफ अहियापुर से कुछ ही दूरी पर एक दूसरा पोल सड़ कर खोखला हो गया है। ऐसा नहीं कि यह मामले बिजली प्रशासन के संज्ञान में नहीं है बल्कि उन टूटे खम्भों के ठीक बगल में दूसरा खम्भा तो लगा दिया गया है, लेकिन अभी तक केबल शिफ्टींग का कार्य नहीं किया गया है। जिससे यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रशासन ने पोल गढ़वाकर पैसा तो सेंशन करा लिया है, लेकिन खम्भे का कार्य अब तक पूरा नहीं हो सका है। दोनों खम्भे दीवाल और पोल के सहारे टिके हुए हैं। जिससे छोटे-छोटे फाल्ट होतें हैं और उपभोक्ता काफी परेशानी होती हैं। दिन में कटौती तो हो रही रही है, रात में बिना किसी रोस्टिंग के कटौती होने से गर्मी से लोग बिलबिला रहे हैं।