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Sedition case filed against 18 Hindus : भगवा झंडा फहराने पर 18 हिंदुओं पर देशद्रोह का मामला दर्ज

बांग्लादेश से लगातार हिंदुओं पर अत्याचार के मामले सामने आ रहे हैं. इस बीच बांग्लादेश के चटगांव में भगवा झंडा फहराने पर 18 हिंदुओं पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. घटना को लेकर अल्पसंख्यकों में नाराजगी दिख रही है.

देशद्रोह के मामले का सामना कर रहे आरोपियों में से एक पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी भी शामिल हैं. उन्होंने कहा है कि भगवा झंडा फहराने के मामले में अठारह हिंदुओं पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है, जो बताता है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को कैसे चुनिंदा तरीके से निशाना बनाया जा रहा है.

बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नहीं है विरोध प्रदर्शन

चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी ने कहा कि यह मामला प्रतिशोध का लग रहा है, जो ऐसे समय में सामने आया है जब हिंदू संगठनों ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कानून और न्यायाधिकरण की मांग करते हुए चटगांव में एक बड़ी सभा की थी. उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन राजनीतिक नहीं है और न ही बांग्लादेश सरकार के खिलाफ है, बल्कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों को बचाने के लिए प्रशासन पर दबाव डालने के लिए है.

शिकायत में 15 से 20 अज्ञात लोगों का नाम भी शामिल

दरअसल, राजद्रोह के आरोप में जिन 18 हिंदुओं पर आरोप लगाए गए हैं, उनके अलावा शिकायत में 15 से 20 अज्ञात लोगों को शामिल किया गया है, जिसमें नाम जोड़ने की गुंजाइश है. घटना 25 अक्टूबर की है. जब हिंदू संगठनों ने अपनी आठ सूत्री मांगों को लेकर चटगांव में एक विशाल रैली की थी. रैली में आठ सूत्री मांगों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वालों पर मुकदमा चलाने के लिए न्यायाधिकरण का गठन, अल्पसंख्यक सुरक्षा पर कानून लाना और अल्पसंख्यकों के लिए एक मंत्रालय की स्थापना करना शामिल था.

इस रैली को लेकर 30 अक्टूबर को चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन में फिरोज खान की ओर से राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. बांग्लादेश के दंड संहिता 1860 के अनुसार, राजद्रोह के लिए आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है. बांग्लादेश में सांप्रदायिक भावनाएं प्रबल रही है, जिससे हिंदुओं की जनसंख्या 1951 में 22% से घटकर अब 8% से नीचे आ गई है. हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन के अनुसार, 1964 से 2013 के बीच, धार्मिक उत्पीड़न के कारण 11 मिलियन से अधिक हिंदू बांग्लादेश से भाग गए.

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