नई दिल्ली। इजरायल ने ईरान के हमलों के जवाब में शनिवार को पलटवार करते हुए तेहरान के करीब 20 ठिकानों पर हमले किए। इजरायल ने ईरान में मिसाइल फैक्ट्री और सैन्य अड्डों को निशाना बनाने की बात कही है। हालांकि हमलों से ईरान को कोई बहुत बड़ा नुकसान भी नहीं हुआ है।
तेहरान ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (आईआरजीसी) के शीर्ष कमांडर ने इजरायल को हमलों का अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है। इजरायल की ओर से शनिवार को ईरानी सैन्य स्थलों पर किए गए हवाई हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए आईआरजीसी चीफ प्रमुख हुसैन सलामी ने कहा कि यहूदी मुल्क ने बहुत गलत किया है और उसे इसके कड़े परिणाम भुगतने होंगे।
ईरान की एक समाचार एजेंसी के अनुसार, हुसैन सलामी ने कहा कि इजरायल शनिवार को अपने हवाई हमलों के जरिए अपने ‘नापाक इरादे’ पूरे करने में नाकामयाब रहा है। ये इजरायल के हमारे बारे में लगाए गए अनुमान के गलत होने को दिखाता है। साथ ही इससे पता चलता है कि इजरायल कमजोर पड़ रहा है। ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने भी इजरायली हमलों पर प्रतिक्रिया दी है। हालांकि उन्होंने बहुत आक्रामकता नहीं दिखाई है लेकिन हमले को इजरायल की गलती जरूर कहा। खामेनेई ने कहा है कि हमलों को कमतर नहीं आंका जाना चाहिए और बढ़ा-चढ़ा कर भी पेश नहीं किया जाना चाहिए।इजरायल का कहना है कि उसने एक अक्टूबर के ईरानी हमलों के जवाब में शनिवार को ईरान में कई जगहों पर सैन्य स्थलों को निशाना बनाया है। इजरायल ने कहा कि उन्होंने ईरानी एयर डिफेंस और मिसाइल साइट को निशाना बनाया है।शनिवार तड़के इजरायल की ओर से हुए हमले के बाद अब दुनिया की इस बात पर नजर है कि ईरान का अगला कदम क्या होने जा रहा है। ईरान अगर पलटवार करता है तो उसके सामने एक पूर्ण युद्ध में जाने जोखिम होगा, ऐसे में देखना होगा कि वह क्या विकल्प चुनता है। ईरान पहले की तरह ही बैलिस्टिक मिसाइलों से जवाबी हमले कर सकता है लेकिन इसके बाद फिर इजरायल का हमला हो सकता है और ये लड़ाई का चक्र आगे बढ़ सकता है, जो पश्चिम एशिया को एक बड़े संघर्ष में धकेल सकता है।