सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को अपने दोष पर रोक हासिल करने के लिए 1 दिन का मौका और दिया है. कोर्ट ने रामपुर के सेशंस जज से कहा कि वो कल गुरुवार को आजम खान के आवेदन को सुन कर फैसला लें. कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि अगर कल आजम के पक्ष में फैसला नहीं आता है, तो वह शुक्रवार, 11 नवंबर को चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है. आजम खान यूपी के रामपुर से समाजवादी पार्टी विधायक थे. वो 3 साल की सजा पाने के बाद विधानसभा सदस्यता के अयोग्य हो गए. सुप्रीम कोर्ट का 2013 में ‘लिली थॉमस’ के मामले में फैसला आया, इसके मद्देनजर 2 साल से अधिक सजा पाने वाला व्यक्ति सजा के तुरंत बाद विधानसभा सदस्यता से अयोग्य हो जाता है. रामपुर के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट का 27 अक्टूबर को आदेश आया, जिसके अगले दिन रामपुर सीट को खाली घोषित कर दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया था
आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि चुनाव आयोग ने रामपुर सीट पर चुनाव की अधिसूचना 10 नवंबर को जारी करने जा रहा है. आजम ने सवाल उठाया था कि यूपी की ही खतौली सीट समेत देश भर की कई सीटों में चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने इतनी जल्दी नहीं दिखाई, जबकि वहां भी सांसद/विधायक कोर्ट के फैसले के बाद अयोग्य करार दिए गए थे.
दोष हटने पर चुनाव लड़ सकते हैं
आजम की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम ने कहा, “उन्हें अपने दोष पर रोक हासिल करने जा समय मिलना चाहिए था. दोष पर रोक के बाद अयोग्यता भी स्थगित हो जाएगी और रामपुर में चुनाव की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.” इसका विरोध करते हुए चुनाव आयोग के वरिष्ठ वकील अरविंद दातार ने कहा, “चुनाव नहीं रोका जाना चाहिए अगर आजम का दोष स्थगित होता है, तो वह चुनाव लड़ सकते हैं.”
11 नवंबर को चुनाव की अधिसूचना जारी
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस हिमा कोहली और जेबी पारदीवाला की बेंच ने कहा, “चुनाव आयोग ने बहुत ज्यादा जल्दी दिखाई है. आजम को कोर्ट से राहत पाने का एक मौका दिया जाना चाहिए था.” जजों ने आजम को इसका मौका देते हुए कहा, “वह सेशंस कोर्ट में आवेदन दाखिल करें. चुनाव आयोग 1 दिन के लिए अपनी अधिसूचना को रोक कर रखे. अगर आजम को राहत मिलती है तो ठीक है, नहीं तो आयोग 11 नवंबर को चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है.