- खुले आसमान के नीचे रहने को विवश है विधवा महिला
- परिवार को जरूरत है अंत्योदय कार्ड की, बना है पात्र गृहस्थी कार्ड
जौनपुर धारा, केराकत। देश में चारों तरफ विकास की बयार बह रही है, शासन के फाइलों में देश के लोग सरकार की तरफ से दी जा रही तमाम योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। लेकिन इसकी धरातल स्थिति कुछ और ही है ऐसे में एक ऐसी तस्वीर सामने आई है। जिसे देखकर किसी को भी बेहद अफसोस और सरकारी योजनाओं पर तरस आएगा। आप यह सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि राज्य में क्या सचमुच विकास हुआ है या यह बस एक छलावा है जो केवल कागजों तक ही सीमित है। क्या आप शौचालय में रहने वाले किसी परिवार की कल्पना कर सकते हैं? यह सुनकर ताज्जुब हो रहा होगा मगर यह आजाद भारत का कड़वा सच है। इस परिवार की दुर्दशा देखकर एक बार शायद आपको भी दया आ जाएगी यह खबर किसी और प्रदेश की नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की है।
हम बात कर रहे हैं, जनपद जौनपुर केराकत तहसील क्षेत्र के अंतर्गत सेनापुर ग्रामसभा के दाऊदपुर पुरवे की रहने वाली गीता देवी पत्नी स्व.रामाश्रय यादव 50वर्ष जो अपने नाबालिक पुत्र रितेश यादव के साथ शौचालय में रहती हैं। परिवार की माली हालत काफी खराब है। गरीबी और रहने के लिए जगह के अभाव ने इस परिवार को शौचालय में ही गुजारा करने को मजबूर कर दिया है, चाहे भीषण ठण्ड हो या भीषण बारिश, शौचालय ही पनाहगार है और पेड़ ही उसकी छत। यह परिवार लगभग दस वर्षों से यहां अपना जीवन बसर कर रहा है। गीता देवी ने बताया कि पति का निधन हुए 14वर्ष हो गए है, पहले हम लोग मिट्टी के बने घर में रहती थी लेकिन बारिश के कारण उनका पूरा घर ध्वस्त हो गया। जिसके बाद परिवार के पास रहने के लिए कोई जगह नहीं थी। थक-हारकर गरीब परिवार ने सरकारी शौचालय में रहने का रास्ता चुना इस शौचालय में पूरे परिवार के लिए गृहस्थी का सारा सामना रखा जाता है, खुले आसमान के नीचे खाना पकाती है और खाती है फिर वही बगल में दो चारपाई के बीच में सो जाती है। शौचालय व राशन कार्ड के अलावा इस गरीब परिवार को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है। विडंबना तो देखिए कि इस परिवार को अंत्योदय कार्ड की जरूरत है, लेकिन पात्र गृहस्थी कार्ड बनवाया गया है जिस पर यूनिट प्रति व्यक्ति पांच किलो राशन मिलता है। परिवार में दो सदस्य है और राशन कार्ड पर केवल एक ही सदस्य का नाम है। जरा सोचिए क्या पांच किलो राशन से महीने भर का भरण-पोषण हो सकता है, हालांकि गीता देवी का पुत्र इस समय शहर में रह रहा है। लेकिन असल में उन्हें राशन कार्ड से ज्यादा सरकारी आवास की जरूरत है।