- आर्मर्ड केबल के बजाय पुराने तार पर लग रहे स्मार्ट मीटर
- विभागीय उदासीनता : सरकारी योजनाओं के आगे दम तोड़ती विभागों की व्यवस्था
जौनपुर धारा,जौनपुर। प्रदेश भर से बिजली चोरी रोकने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सकरार के तमाम कवायदों में जुटी हुई है, नगर क्षेत्र के अधिकांश घरों में स्मार्ट मीटर लगाया चुका है और छुटे स्थानों पर अभी भी लगाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। बिजली उपभोक्ताओं के परिसरों में लगे पुराने मीटरों को बदलकर उनके स्थान पर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहें हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों का शहर की बिजली आपूर्ति व्यवस्थाओं के प्रति उदासीतना के कारण व्यवस्था पटरी से उमर रही है।
जिले के तमाम उपभोक्ताओं के घरों व प्रतिष्ठानों में स्मार्ट मीटर लगाया जा है, जिसकी शुरूआत कुछ माह पूर्व से ही प्रारंभ में सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों व कार्यालय में मीटर लगाकर किया था। इसके बाद घरेलू व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का सर्वे कराया गया। शहर में स्मार्ट मीटर लगाने के काम में कार्यदायी संस्था की खामियां सामने आने लगीं हैं। स्मार्ट मीटर को आर्मर्ड केबल की जगह पुराने तारों पर लगाकर धांधली किया गया और आगे भी किया जा रहा है। सभी स्मार्ट मीटर पर आर्मर्ड केबर लगना था, लेकिन उसमें भी आर्मर्ड केबल के स्थान पर पुराने तारों पर मीटर लगाने के मामले प्रकाश में आये हैं। बिजली चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटर लगाने के साथ ही परिसरों तक जाने वाले केबल भी बदले जाने थे। वहीं कार्यदाई संस्था द्वारा उपभोक्ताओं के घरों से पुराने मीटरों को बदलकर उनके स्थान पर स्मार्ट मीटर तो लगाए गये लेकिन उसके साथ लगने वाले आर्मर्ड केबल किसी भी परिसर पर नहीं लगाये गये हैं, जिससे चोरी रोकने की व्यवस्थाओं पर सीधे-सीधे सेंधमारी कर घपला किया गया। नियम के तहत पोल से परिसरों तक जाने वाले तार को बदलकर स्मार्ट मीटर के साथ नये आर्मर्ड केबल डाले जाने का आदेश था, उक्त केबल न तो आसानी से टूतटा है और ना ही आसानी से ब्रेक कर बिजली चोरी की जा सकेगी। सरकार का मकसद स्मार्ट मीटर लगने के साथ ही आर्मर्ड केबल लगाने की थी, जिससे उपभोक्ताओं को बिल में गड़बड़ी से छुटकारा भी मिल जाये और बिजली चोरी पूर्णतया रुक जाए। साथ ही लोकल फाल्ट पर भी लगाम लग सके। लेकिन स्मार्ट मीटर लगाने वाली निजी कम्पनियों ने सरकार की मंशा पर पानी फेर दिया।
योगी सरकार के कदसद पर फेरा गया पानी
जिले में लगाये गये स्मार्ट मीटर में बिना आर्मर्ड केबल लगाए उपभोक्ताओं से हस्ताक्षर करा लिया जा रहा है, जिसका मकदस यह था कि बिना बिल भुगतान किए उपभोक्ता बिजली का उपयोग नहीं कर सकेंगे, और वहीं बिजली विभाग को वसूली के झंझट से मुक्ति मिलेगी। उपभोक्ताओं को बिजली बिल सही कराने या फिर भुगतान के लिए बिजली विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेगें। लेकिन आर्मर्ड केबल न लगने से सरकार के मंशा पर पानी फेरने के साथ ही बड़ी धांधली भी हुई है।
जर्जर तारों से हो रही बिजली की सप्लाई

विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते जर्जर तार कभी भी हादसे का सबब बन सकते हैं। फिर भी विद्युत विभाग इस ओर जरा भी ध्यान नहीं दे रहा है। तारों को बांसों के सहारे बांधा गया है।
नगर के अधिकांश स्थानों पर विद्युत व्यवस्था चरमराई हुई है, नगर में जर्जर तारों से विद्युत आपूर्ति कराई जा रही है। जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। गली-कूचों में सड़क पर बिजली के तार झूल रहे हैं। जो कभी भी किसी की जान ले सकते हैं। जर्जर तारों को जुगाड़ के सहारे जोड़ गांठ करके उनके जरिए तमाम इलाकों में विद्युत आपूर्ति कराई जा रही है। इस ध्वस्त व्यवस्था के चलते आए दिन फाल्ट होते रहते हैं। जिससे नगर के लोग आगामी भीषण गर्मी में बिना बिजली के रहने को मजबूर हो जायेंगे। शहर के कई मुहल्ले ऐसे हैं जहां पर जर्जर तार और पुराने ट्रांसफार्मर के भरोसे बिजली की सप्लाई की जा रही है। अक्सर अधिर बिजली कटौती का कारण विभाग ओवरलोड और लोकल फाल्ट मानता चला आ रहा है, लेकिन इसके सुधार के कोई पुख्ता इंतजार आज तक नहीं कर पाई। गली मोहल्लों में तार इतने जर्जर हैं कि आए दिन टूटते हैं, जिससे आपूर्ति बाधित होती है। दूसरी ओर बिजली तार लगभग तीन दशक पुराने हैं जिन्हें जगह-जगह जोड़ा गया है। बिजली विभाग के अहियापुर उप खण्ड कार्यालय में से संबन्धित तमाम क्षेत्रों में जर्जर विद्युत लाइन अक्सर भीषण गर्मी में झूल जाती है, जरा सी हवा चलने पर तारों में चिगारी छूटती तो मोहल्ले के लोग सिहर उठते हैं।
करोड़ों खर्च के बाद भी झूलते तार और खंभों के सहारे बिजली

बिजली के जर्जर तार और खंभे बदलने के लिए पिछले पांच वर्षों में करीब करोड़ों रुपये खर्च किये गये हैं, इसके बाद भी जिले में जर्जर तार और खंभे हादसे का सबब बन रहे हैं। स्थिति यह है कि गांवों, शहर, गली-मोहल्ला में झूलते और जर्जर तारों के कारण लोगों को हादसे की चिंता सता रही है। शिकायत के बाद भी अधिकारी इसे ठीक नहीं करवा रहे हैं। योजना के तहत जर्जर तार और पुराने खंभे बदलवाने के लिए बिजली विभाग ने काम कराया, लेकिन नगर में आज भी अधिकांश खम्बे अभी भी बहुत स्थानों पर जर्जर अवस्था में पड़ें हैं। उनको नहीं बदला गया है, आलम यह है कि गले खंभों को छिपाने के लिए एंगल लगाकर वैल्डिंग कर दी गई।