- गड्ढों में सड़क है या सड़क में गड्ढे…
- खस्ताहाल हैं शहर की सड़कें, पैदल चलना भी हो जाता है मुश्किल
जौनपुर धारा,जौनपुर। सड़कें ही विकास का आइना होती हैं, लेकिन जिले की ज्यादातर सड़कों ही हालत जर्जर है। गड्ढों में तब्दील इन रास्तों पर हिचकोले खाते वाहनों से सफर बहुत मुश्किल होता है। सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का निर्देश से भले ही सत्ता दल के मंच से देरक राहत की उम्मीद बंधी है, लेकिन जिले की सड़कों के हाल को देखते हुए यह राह आसान नजर नहीं आता। शहर की हालत ऐसी है कि सड़कों पर कभी सीवरेज का पानी जमा रहता है, तो कभी बारिश का। शहर की सड़कों की हालत तो खस्ता है, ही ऊपर से सड़क पर बने बड़े-बड़े गढ्ढ़े हादसों को न्यौता देते हैं। इन गड्ढों में अक्सर वाहन चालक पैदल चलने वाले अपना नुकसान कर लेते हैं। इसमें वाहन तो दूर की बात है, इधर से पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में इन गड्ढों वाली सड़कों की हालत ऐसी बन चुकी है कि सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी। इन गड्ढों का कारण कोई और नहीं बल्कि सरकार की सीवर पाइप लाइन वाली योजना ही है। ऐसे में अगर यह कहा जाय कि ‘तुम्हारी फाइलों में शहर का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी हैÓ तो यह गलत नहीं होगा। एक तरफ प्रदेश सरकार अपना एक वर्ष पूरा होने पर अपनी उपलब्धियों का ङ्क्षढढोरा पीट रही है वहीं दूसरी तरफ अगर जौनपुर की सड़कों पर नजर डाली जाए तो यह खस्ता हालत सड़कें सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यो की पोल खोल रही हैं। सड़कों की हालत की जमीनी हकीकत देखकर नही लगता कि यहां किसी भी प्रकार का कोई विकास कार्य हुआ हो। किसी भी क्षेत्र की सड़कों की हालत पर नजर डाली जाए तो यहां सड़क कम गड्ढ़े ज्यादा दिखाई दें रहे हैं। शहर में सीवर पाइप लाइन की खुदाई ने शहर के गलियों की सड़को को बदहाल अवस्था में छोड़कर नौ-दो ग्यारह हो गये। गड्ढों में तब्दील हो चुकी सड़क महीनों पहले सीवर पाइप लाइन बिछाने के लिए खोदी गई थी। पाइप लाइन बिछाने के बाद इस सड़कों की मरम्मत आज तक विभागीय अधिकारी नहीं करवा पाए। एक तरफ जहां हवा बहने पर धूल का गुबार झेलना पड़ता है वहीं बारिश होने पर जलजमाव की समस्या फिसलन के साथ देखने को मिलती रही है। हास्यास्पद तो यह कि ही यह नगर की यह हालत ना तो जिला प्रशासन को दिखाई दे रहा है और ही नगर निगम को। लाखों खर्च करने का दावा करने वाले जनप्रतिनिधि सड़कों की दशा और दुर्दशा को देखने की जहमत नहीं उठातें है।
इन मार्गों में भी है गड्ढे ही गड्ढे

सालों पहले सीवर की पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़कें खोदी गई थी, लेकिन तब से आज तक ये सड़कें खुदी की खुदी रह गई। ऐसा नहीं है कि इनकी परेशानी की सरकार और प्रशासन को कोई जानकारी नहीं है। नगर ताड़तला-तूतीपुर, नवाबयुसूफ रोड़, हमाम दरवाजा, मखदूम शाह अढ़न, आलमगंज, पुरानी बाजार, मुफ्तीमोहल्ला, मुल्ला टोला सहित आदि दर्जनों मार्गों पर भी गड्ढों की भरमार है। मेन सड़क को जोड़ने वाली ङ्क्षलक मार्गों का भी हाल बुरा है। हर सड़क में गड्ढे होने के चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
विकास कार्यों की पोल खोल रही सड़क की तस्वीर

जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण आजतक नही बन सका है। विधायक से लेकर सांसद तक का ध्यान इस ओर नही है। शहर का दुर्भाग्य यह भी रहा कि पिछले कई बार से कुछ सांसद या विधायक जिले को ऐसे भी मिले जो कि या तो जिले में ठहरे नहीं या तो उन्होने विकास की गंगा केवल मंच से ही बहाया है। शहर को विकसीत बनाने के प्रयास में जुटे होने का दावा कर रहे हैं, और सड़कों से लेकर पूरे शहर को चमकाने की बात कर रहे हैं। वहीं, नगर के अधिकांश इलाकों में तस्वीर राजनेताओं के दावों की पोल खोलती नजर आ रही है।
सड़क पर भरा सीवर का पानी, लोगों की बढ़ा रहा परेशानी

काफी लंबे अरसे से जौनपुर के कचहरी रोड के निवासियों के सामने यह समस्या देखने को मिल रही रही है कि सीवरेज का पानी लीक कर जा रहा है जो समाधार तक सड़कों पर बहता रहता है। इस रोड पर सीवरेज के ढक्कन से नाली का गन्दा पानी लीकेज होने से पूरी सड़क पर सीवरेज का पानी भर जाता है। जिससे की रोडवासियों का सड़क पर निकलना तक मुश्किल हो जाता है।
चुनाव के समय ही होती है साफ सफाई की बातें
नगर के अधिकांश गलियों के मार्गोंपर इस समय चलता दुभर हो गया है मोहल्लावासियों का कहना है कि जब वोट लेनी होती है तो राजनीतिक लोग इधर आ जाते हैं और सड़क की सफाई करवा देते हैं। लेकिन जब जरुरत नहीं होती तो मोहल्लावासियों की कोई भी सुनवाई नहीं होती। मोहल्लावासियों ने कहा कि अगर सीवरेज की समस्या का हल न हुआ तो इस परिणाम राजनीतिक लोगों को चुनावों में भुगतना पड़ेगा।
264 करोड़ की परियोजना से ठोकर खा रही जनता

नगर विकास विभाग से अमृत योजना के तहत नगर पालिका परिषद जौनपुर में सीवर लाइन का कार्य कराने के लिये कार्यदायी फर्म अक्तूबर 2019 से सीवर लाइन का कार्य कर रही है। इसके तहत 264 करोड़ की परियोजना में 179 किमी सीवर पाइप लाइन बिछाई जानी थी। कार्य को दिसंबर 2023 में पूर्ण करना है। जो अब तक फाइलन नहीं हो सका है। वहीं काम जल्दी खत्म करने के निर्देश कई बार दिये गये और दिसंबर 2023 तक कार्य पूरा करना था लेकिन यह काम आज भी अधूरा ही है जिन गलियों में पाइप लाइन बिछाया जा चुका है वहाँ का हाल यह है कि अधिकांश क्षेत्रों में अभी तक कनेक्शन भी नही किया गया है। जिससे भी सड़के खस्ता हाल पड़ी है और परियोजना भी अधर में लटका हुआ है।