- सब्जियों के दामों ने बिगाड़ा लोगों के मुँह का जायकार्
- गृहणी रसोई का बजट बनाने में परेशान
जौनपुर धारा, शाहगंज। एक तरफ जहां खाद्य पदार्थों की महंगाई आसमान छू रही है, वहीं दूसरी तरफ सब्जियों ने भी लोगों के मुँह का जायका बिगाड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। दिनों दिन महंगी होती जा रही सब्जियों के कारण रसोई का बजट बिगड़ने लगा है, वहीं दूसरी तरफ गृहणियां हैरान और परेशान है की अन्य चीजों के साथ रसोई के बजट को कैसे संतुलित रखा जाए। महिलाओं से बातचीत करने पर बबीता नाग, संध्या चौरसिया, जड़ावती, पूनम आदि महिलाओं ने बताया कि इस समय महंगी सब्जियों के कारण रसोई का बजट बनाने में बहुत मुश्किल आ रही है। आलू 40रूपये किलो, प्याज 70 रूपये किलो, टमाटर 100 रूपये किलो, लहसुन 300 रूपये किलो, अदरक 120 रूपये किलो, भिंडी 40 रूपये किलो, इसी तरह अन्य सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। जिसके कारण रसोई घर का बजट बिगड़ जा रहा है। थोक आढ़ती फरहान राईन, अब्दुल्ला राईन आदि से बात करने पर पता चला कि इस समय माल की आवक कम होने के कारण सब्जियों के दामों में तेजी है, धीरे-धीरे सभी सब्जियों के दाम सामान्य स्तर पर आ जाएंगे। वही आम उपभोक्ता विष्णु कांत, संदीप, दीनदयाल आदि से पूछने पर उन्होंने बताया कि सभी खाद्य पदार्थों के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। जिसकी रही सही कसर सब्जियों ने पूरी कर दी है। ऐसे में आम उपभोक्ता हैरान और परेशान है। क्या खाएं और कैसे बचाएं और किस तरह गृहस्थी की गाड़ी को चलाएं। ऐसे में फिल्मी दुनिया का एक गाना ‘सखी सइया त खूब ही कमात है महंगाई डायन खाये जात है…’ एक सटीक बैठ रहा है।