- छूट्टा जानवरों के कारण तबाह हो रही फसल
जौनपुर धारा (सोहन यादव)
सरायख्वाजा। खेतासराय कस्बे में नगर पंचायत द्वारा आवारा पशुओं को पकड़ने का अभियान हवा-हवाई साबित हो रहा है। मेन रोड ही नहीं बल्कि हर गली-मोहल्ले में आवारा पशुओं का आतंक है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है। ऐसे में कभी किसी के साथ हादसा हुआ तो फिर जिम्मेदारों को जवाब देना भारी पड़ेगा।

नगर में आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या लोगों के लिए सिरदर्द और जान को खतरा बन रही है। सबसे ज्यादा आवारा सांड़ व बछड़े हैं। इसके बाद गायों का नंबर आता है। कस्बे व आस-पास के कुछ लोगों ने गाय पाल रखी है। अधिकांश लोग दूध निकालने के बाद गायों को डंडा मारकर सड़क पर इधर-उधर चारे के लिए मुंह मारने को छोड़ देते हैं। सड़क और सार्वजनिक स्थलों पर मंडराते आवारा पशु लोगों की जान के लिए खतरा बन गए हैं। बाजार में छूट्टा जानवरों का आतंक इस कदर है कि लोग सब्जी खरीदने के लिए आने के दौरान हिंसक जानवरों के डर से सहमे रहते हैं। इसी प्रकार गली-मोहल्लों में भी आवारा पशुओं का जमावड़ा रहता है। आवारा पशु झुंड में रहते हैं।जो किसी पर अटैक करें तो बचना मुश्किल है। लोगों का कहना है कि नगर में बढ़ते आवारा पशु लोगों की जान के लिए बड़ा खतरा हैं। आवारा पशुओं को पकड़कर गोशाला या जंगल में छोड़ने की ड्यूटी नगर पंचायत और पशु विभाग की है। लेकिन लापरवाही से कस्बे में आवारा जानवर दिन पर दिन बढ़ रहे हैं। नगर पंचायत द्वारा आवारा पशुओं को पकड़ने को लेकर अभियान चलाए जाने का दावा तो किया गया। लेकिन महज कोरम पूर्ति तक ही सीमित रहा।
किसानों को नहीं सूझ रहा कोई उपाय
खेतासराय क्षेत्र में आवारा पशुओं के आतंक से ग्रामीणों में रोष बढ़ता जा रहा है। विशेषकर किसान वर्ग को इन पशुओं के कारण भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। जिसके चलते किसानों का धैर्य जवाब दे रहा है। किसानों के अनुसार आवारा पशु उनकी खेती को बर्बाद कर रहे हैं। खेतों में दिनरात पहरा देने के बावजूद भी इन पशुओं के आतंक से छुटकारा नहीं मिल रहा।