जौनपुर धारा, जौनपुर। गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से इस उत्सव की शुरुआत होती है और अनन्त चतुर्दशी पर इसका समापन होता है। वैसे तो यह पर्व महाराष्ट्र में प्रचलित है लेकिन विगत कई वर्षों से उत्तर प्रदेश सहित जौनपुर में भी इसे धूमधाम से मनाया जाने लगा है। जो आज शनिवार से आरम्भ हो रहा है। चतुर्थी तिथि पर गणेश प्रतिमा की स्थापना के साथ 7 दिनों तक गणेशोत्सव का पर्व मनाया जाता है। फिर अन्तिम दिन प्रतिमा का विसर्जन करते हुए गणेशोत्सव पर्व संपन्न होता है। इस साल गणेश चतुर्थी शनिवार 07 सितम्बर को पड़ रहा है यानी इसी दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाएगी।

गणेश चतुर्थी एक दिन पूर्व ही बप्पा के भक्त उन्हें ढोल-नगाड़ों के साथ धूमधाम से घर व पाण्डालों में ले आये और उनकी स्थापना कर रहें हैं। इस बीच गणपति बप्पा की सेवाभाव से पूजा-अर्चना वगैरह की जाती है। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 07 सितंबर को शुरू होगी और 13 सितंबर को दोपहर विसर्जन किया जायेगा। इस दिन नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों स्थान पर गणपति की प्रतिमा स्थापित की जायेगी और अधिकांश जगह तो घरों में भी चौकी पर विराजमान किया जायेगा। इसके बाद उन्हें सिंदूर, फूलमाला, धूप, दीप, अक्षत, पान, लड्डू, मोदक, दूर्वा आदि अर्पित कर विधि-विधान व नियमित रूप से गणेश जी की अराधना की जायेगी। भगवान गणेश को दुखहर्ता, शुभकर्ता और विघ्नहर्ता जैसे नामों से जाना जाता है। मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दौरान गणपति की स्थापना जिस घर में की जाती है और विधि-विधान से पूजन वगैरह किया जाता है, उस घर के सारे कष्ट, परेशानियां और विघ्न गणपति अपने साथ ले जाते हैं। गणपति पूजा महासमिति के विशाल खत्री व प्रिन्स सेठ ने बताया कि महासमिति के अर्न्तगत कुल 58 संस्थाएं जुड़ी है जबकि जिले भर में कुछ ऐसी संस्थाएं भी है जो अलग-अगल दिनों में विर्सजन करतीं हैं। ऐसे में जनपद भर में लगभग 150 से अधिक स्थानों पर गणपति की प्रतिमा स्थापित की जाती है।