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Jaunpur Dhara News : रावण वध की लीला देख दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

जौनपुर धारा, मुंगराबादशाहपुर। औद्योगिक क्षेत्र सतहरिया में इंडस्ट्रियल रामलीला समिति के आखरी दिन शुक्रवार की देर रात को रामलीला कलाकारों द्वारा रावण वध की लीला का मंचन किया गया। रामलीला का समापन एसपी ग्रामीण शैलेंद्र सिंह, सीओ, गिरेंद्र सिंह, संरक्षक विनय सिंह व सीडा संघ अध्यक्ष शिवाजी सिंह आदि ने संयुक्त रूप से भगवान श्री राम माता जानकी की आरती उतारकर किया। कुंभकर्ण, मेघनाथ एवं अहिरावण के वध के बाद रावण के वंश के लगभग सभी योद्धा समाप्त हो चुके थे। जिस रावण ने स्वयं युद्ध में जाने की घोषणा की। लेकिन राजदरबार के लोगों ने बताया कि वर्षों पहले रावण का एक पुत्र मूल नक्षत्र में हुआ था, उसे नदी में बहा दिया गया था। जिसे सभी नारांतक के नाम से जानते हैं। रावण ने जब नारांतक को संदेश भेजवाया तो नारांतक पूरी सेना लेकर लंका पहुंचा और अपने पिता रावण से कहा कि हे पिताश्री आपने भले ही मूल में पैदा होने से मुझे त्याग दिया था, लेकिन वंश की रक्षा के लिए वह राम-लक्ष्मण से युद्ध करेगा। भले ही उसे अपने प्राण क्यों न न्योछावर करना पड़े। इसके बाद नारांतक युद्ध में पहुंचा तथा राम-लक्ष्मण से घमासान युद्ध किया, लेकिन वरदान प्राप्त होने से राम-लक्ष्मण नारांतक का वध नहीं कर सके। तब श्रीराम की सेना में शामिल दधिबल ने नारांतक का वध किया। नारांतक के वध की खबर मिलते ही मानो रावण पर वज्राघात हुआ और क्रोध से तमतमाए रावण ने पूरी सेना के साथ राम लक्ष्मण के साथ युद्ध की घोषणा कर दी। रण क्षेत्र में श्रीराम एवं रावण का घमासान युद्ध हुआ तथा रावण द्वारा शिवभक्ति एवं घोर तपस्या से प्राप्त एक से बढ़कर एक मारक शस्त्रों का प्रयोग किया। जब श्रीराम एवं लक्ष्मण के तमाम प्रयासों के बावजूद रावण का वध नहीं हो सका तो श्रीराम निराश हो गए। ऐसे कठिन समय में रावण के भ्राता विभीषण ने श्रीराम को गोपनीय जानकारी दी कि रावण की नाभि में अमृत होने से वह मारा नहीं जा सकता। यदि बाण से नाभि पर प्रहार किया जाएगा तभी रावण का वध होगा। यह सुनकर श्रीराम ने रावण की नाभि पर बाण से प्रहार किया, जिससे रावण का वध हुआ। श्री राम लक्ष्मण को भेज कर विभीषण का राजतिलक लंकापति के रूप में करते हैं। इसके बाद राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान जी आदि योद्धाओं के साथ पुष्पक विमान से बैठकर अयोध्या वापस आ जाते हैं। अयोध्या में भरत मिलाप होता है। श्रीराम के राजा अभिषेक के साथ रामलीला का समापन किया जाता है। संचालन राकेश मिश्रा ने किया। इस अवसर पर प्रभारी निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह, थाना प्रभारी संतोष पाठक, चौकी इंचार्ज गंगा प्रसाद मिश्र, अध्यक्ष राजेश सिंह डिम्पू, मेला महासमिति अध्यक्ष आलोक कुमार गुप्ता, संरक्षक विनय सिंह पिंटू, सीडा संघ अध्यक्ष शिवाजी सिंह, अनिल चौबे, सीबी श्रीवास्तव, कमला शंकर बिना, सुनील यादव, आशीष सिंह, राजेश शर्मा, आशुतोष मिश्रा, सूर्य प्रकाश गुप्ता, विजय दुबे  व रोहित मौर्य आदि मंडल के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे।

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