जौनपुर धारा, मुंगराबादशाहपुर। मनुष्य की आकांक्षाएं हमेशा बढ़ती हैं, जिसके कारण उसे दुःख का सामना करना पड़ता है। असुर हमेशा महत्वाकांक्षा के चलते जलन में ग्रस्त रहे, जिसके कारण सामाजिक व्यवस्था उथल-पुथल हुई। उथल-पुथल खत्म करने के लिए ही देवी ने अवतार लिया। उक्त बातें माँ काली चौरा मंदिर मालिया का गोढा गुड़हाई में चल रही श्रीमद् देवी भागवत कथा के सातवें दिन प्रयागराज से पधारे कथावाचक पंडित शिव प्रसाद मिश्र ने श्रद्धालुओं के बीच कहीं। उन्होंने मनुष्य को जीवन में संयम, सदाचार, आचरण, क्षमा प्रदान करने का अख्तियार करने का संकल्प करवाया, और मां भगवती के विभिन्न रूपों के मस्तिष्क दर्शन करवाते हुए कहा कि देवी के सभी रूप देवताओं मनुष्य तथा भगवान शिव की इच्छा से ही प्रकट हुए हैं। सूर और असुर में सामाजिक अराजकता खत्म करने के लिए है, देवी के विभिन्न रूप प्रकट हुए। उन्होंने एक स्त्री के पूरे जीवनचक्र का बिम्ब नवदुर्गा के नौ स्वरूप को बताकर समझाया। उन्होंने कहा कि जो मनुष्य एक बार श्रीमद् देवी भागवत कथा श्रवण कर ले और उसे सुनकर जीवन में उतार ले तो उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। उसे भागवत की प्राप्ति हो जाती है। ज्ञान के बिना जीवन में अंधेरा है, और आचरण के बिना जीवन की पवित्रता नहीं है। चेतना के विकास के लिए ज्ञान के साथ-साथ अच्छा आचरण होना जरूरी है। कथा के अंत में भरत मिलाप मेला महासमिति के अध्यक्ष आलोक कुमार गुप्ता पिंटू ने माता रानी की 51दीपों की आरती कर आशीर्वाद लिया। कथा का संचालन आयोजक शिव प्रसाद ऊमरवैश्य बबलू ने किया। इस अवसर पर बजरंग लाल गुप्ता, दयाराम, सीके ऊमरवैश्य, पोटर यादव, रवि प्रजापति, सनी गुप्ता, कृष्ण कुमार माली, संजय गुप्ता, दिलीप जायसवाल, ननकू लाल गुप्ता व माता प्रसाद आदि लोग मौजूद रहे।
― Advertisement ―
जलजमाव से बचाने के लिए गांववासियों ने खुद करवाई नाली की खुदाई
जौनपुर। मछलीशहर विकास खण्ड के चितांव गांव के ग्रामीणों ने बिना किसी सरकारी सहायता के गांव के लोगों ने जलजमाव से निजात पाने के...
Jaunpur Dhara News : एक स्त्री के पूरे जीवनचक्र का बिम्ब है नवदुर्गा स्वरूप : पं.शिवकुमार मिश्रा
