- पेट की खातिर जान जोखिम में डालने को मजबूर है मासूम बच्ची
जौनपुर धारा, जौनपुर। जौनपुर के चहारसू चौराहा के कुछ कदम की दूरी पर दो वक्त की रोटी के लिए मासूम बच्ची अपना जान जोखिम में डालने को मजबूर है। जिस उम्र में इस बच्ची को स्कूल के में पढना और खेलना चाहिए था उस उम्र में ये बच्ची सड़कों पर करतब दिखा रही है। इतनी छोटी सी उम्र में बच्चे जमीन पर चलने में लड़खड़ा जाते हैं और ये मासूम बच्ची बिना डरे रस्से पर चलकर लोगों को तमाशा दिखा रही है और लोगो का हुजूम बच्ची के करतब पर तालिया बजा रहा है। इन्ही सड़कों से बड़े-बड़े समाजसेवी और प्रशासन के नुमाइंदे गुजरते हैं, लेकिन कोई भी इन बच्चो को इस मुसीबत से निकालने की जहमत तक गवारा नहीं करता। बता दें कि ये बच्ची बचपन को दरकिनार कर पेट की आग बुझाने के लिए करतब दिखा रही है। जान जोखम में डालकर रस्सी पर चलना इनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है, चंद रुपयों की खातिर जीवन को खतरे में डालकर मौत की राह पर चलता ये बचपन बताता है कि जिन्दगी कितनी सस्ती है। अपने और अपने परिवार के लिए दो वक़्त की रोटी जुटाने के लिए मासूम बच्ची रोजाना रस्सी पर चल कर अपनी जान जोखिम में डाल कर लोगों को तमाशा दिखाती है। लेकिन कोई भी यह जानने की कोशिश नहीं करता की आखिरकार यह बच्ची ऐसा क्यों कर रही है। जिन सडकों पर ये बच्ची तमाशा दिखा रही है उन्हीं सडको पर सरकार के नुमाइंदो से लेकर प्रशासन के अधिकारी भी गुजरते रहतें है। लेकिन कोई भी बच्चों की मासूमियत पर रहम नहीं खाता। वहीं प्रदेश में गठित बाल श्रम विभाग की नजर भी इस ओर नहीं जाती। सरकारों की नीतियां भी इन्हीं सड़कों पर दम तोडती देखी जाती हैं। केंद्र सरकार से लेकर प्रदेश सरकार बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए विभिन्न योजनाएं बनाती हैं और करोड़ो खर्च करती हैं, लेकिन इन योजनाओ का हक़ उन्हें मिल रहा है इसकी सुधि लेने कोई नहीं उतरता है। रोजाना यह परिवार अपने छोटे-छोटे बच्चों सहित सड़कों पर निकल पढ़ता है और कहीं भी जगह देख कर अपना जोखिम भरा खेल शुरू कर देते हैं। एक रस्से पर यह मासूम अलग-अलग तरह के वâरतब दिखाती है। कभी डंडा लेकर रस्से पर चलती है तो कभी अन्य तरीकों से रस्से का खतरे वाला रास्ता पूरा करती है। करतब दिखाने के बाद लोगो से यह मासूम अपने और अपने परिवार के लिए पैसे भी इकठ्ठा करती है।