- मानकों की अनदेखी के बीच चल रहा घरों को सीवर लाइन से जोड़ने का कार्य
जौनपुर धारा,जौनपुर। शहरी क्षेत्र में इन दिनों घरों को सीवर लाइन से जोड़ने की कवायद जोरों पर चल रही है। इस कार्य में कार्यदायी संस्था मानकों की अनदेखी कर रही है। अनदेखी कर एक चेंबर बनाने में ही मानकों की अनदेखी की जा रही है। ऐसी स्थिति में शहर की सीवर व्यवस्था ज्यादा दिन सुचारू रूप से नहीं चल पायेगी। शहर के अधिकतर घरों को सीवर लाइन से जोड़ कर सीवरेज सिस्टम की शुरूआत करने की कवायद चल रही है। बताया जा रहा है कि जल निगम द्वारा यह कार्य कराया जा रहा है। वहीं घरों को सीवर से जोड़ने के कार्य में मानक की अनदेखी कर किया जा रहा है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि उक्त कार्य में जो पाइप बिछायी जा रही है वह मानक के अनुरूप है।

चैंबर मानकों की गड़बड़ी कर काफी धन बचाया जा रहा है। जलनिगम की यह कवायद शहर के सीवर सिस्टम को कितने दिन चलने देगी यह कह पाना मुश्किल है। परियोजना के कार्य में कार्यदायी संस्था के लोग लापरवाही बरत रहे हैं। कहीं किसी के घर का बिजली का तार ब्रेक कर दिया जा रहा है तो कहीं पाइप लाइन ही काट कर अलग कर दी जा रही है। हांलाकि इन कार्यों में चेम्बर बनने के बाद दुर्व्यवस्थाओं को सुधारा तो जा रहा है, लेकिन सीवर पाइप लाइन के पड़ने से लेकर चेम्बर बनाने व लोगों के घरों का कनेक्शन करने तक में क्षेत्र की जनता को केवल मूसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। अब बनने के बाद ये चेम्बर कितने समय तक सही से कार्य करेगा या कब लिकेज करने लगेगा इसकी गॉरंटी कोई नहीं ले सकता है। सूत्रों की माने तो कहीं-कहीं ठेकेदार भी यह कहते हुए पाये जातें है कि जब कमीशन खोरी का काम है तो हम अपने घरों से पैसा थोड़ी न लगायेंगे। ज्ञातव्य तो की पहले भी अमृत योजना के तहत खोदे गए गड्ढों के कारण कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। नगर के छोटे-बड़े वाहनों का सीवर पाइप के लिए खोदे गए गड्ढे में धंसना अब आम बात हो गई है। इन सभी के बीच सबसे अहम बात यह है कि इस दौरान कार्यों की गुणवत्ता पूरी तरह से ताक पर रखी जा रही है।

सीवरेज पाइप लाइन में निम्न गुणवत्ता वाली सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। जो आगे चलकर क्षेत्र की जनता को मुसीबत में डाल सकती है। इनके कार्यों के पूरे मैटीरियल की जांच करवाई जाए शहर के कई स्थानों पर क्वालिटी के साथ-साथ पाइप डालने के तरीके और पाइप डालने के बाद उससे मिट्टी से भरने के सिस्टम को भी गलत करार दिया जायेगा। ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है जौनपुर नगर के ताड़तला तूतीपुर रोड़ क्षेत्र का, जहाँ चेम्बरों को बनाने में नियमों की घोर अनदेखी की जा रही है। पाइप के दोनों तरफ से किनारे जो सबसे अहम होते हैं जो एक दूसरे पाइप को जोड़ कर रखते हैं और लीक होने से बचाने का काम करते हैं उसे भी कई जगह इस्तेमाल में नहीं लाया गया है, यह टूटे हुए हैं औश्र इनकी फिनिशिंग भी सही नहीं है। यह भी बताया जा रहा है कि हर पाइप के एक किनारे पर यह पीवीसी लेयर की मोटाई भी कम ही है। जहां कम है उस एरिया को सीमेंट की लेयर से भरा गया है। लेयर न हो तो आरसीसी पाइप किसी भी प्रकार से सीवर की गैस व पानी में नहीं टिक सकती।