एक कंपनी ने दरियादिली दिखाते हुए अपने चुनिंदा कर्मचारियों को एक ही बार में 50 महीने की सैलरी बोनस के रूप में दी है. कंपनी ने ‘स्टेलर बोनस’ देने का फैसला इसलिए किया क्योंकि 2022 कंपनी के बिजनेस और प्रॉफिट के लिहाज से शानदार रहा. ताइवान की एवरग्रीन मरीन कॉरपोशन कंपनी ने तकरीबन चार साल की सैलरी देने का फैसला किया. इस बात की पुष्टि इस मामले से जुड़े व्यक्ति ने नाम ना छापने की शर्त पर की. इस शख्स ने बताया कि स्टेलर बोनस केवल उन्हीं लोगों को मिला है जो इस समय ताइवान में कार्यरत हैं. बोनस संबंधित कर्मचारियों को उनके जॉब ग्रेड, काम के आधार पर दिया गया. एवरग्रीन मरीन कॉरपोशन कंपनी ताइपे में बेस्ड है. हालांकि, एवरग्रीन मरीन कॉरपोशन ने इस पहल को लेकर ज्यादा कुछ बताने से इनकार कर दिया है. कंपनी ने शुक्रवार को जारी स्टेटमेंट में कहा कि साल के अंत में मिलने वाला बोनस कर्मचारी को उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन और कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर दिया जाता है.
कंपनी ने जो दरियादिली दिखाई है, उसके पीछे कई वजह हैं. दरअसल, कोरोना महामारी की वजह से पिछले कुछ सालों में शिपिंग इंडस्ड्री खूब फला-फूला है. इसी वजह से मालभाड़े की कीमतों में भी उछाल देखने को मिला, ग्राहकों के सामान की डिमांड बढ़ी. यही वजह है कि कंपनी का लाभ भी 2020 के मुकाबले बढ़कर 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपए हो गया. ताइपे के एक अखबार ने पिछले सप्ताह ही इस मामले से जुड़ी एक रिपोर्ट प्रकाशित की. 30 दिसंबर को कई कर्मचारियों को लाखों रुपये बोनस के रूप में मिले. हालांकि, इस कंपनी से जुड़े हरेक कर्मचारी को इतना बोनस नहीं मिला है. वहीं, कंपनी के शंघाई में मौजूद कर्मचारियों ने इसे भेदभाव बताया है. इन कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें मासिक सैलरी का केवल 5 से 8 गुना ही बोनस मिला. इस शिपिंग कंपनी का शेयर मार्केट में प्रदर्शन पिछले कुछ सालों में मिलाजुला रहा है. कंपनी के शेयर में साल 2021 में जहां 250 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली थी. वहीं पिछले साल कंपनी के शेयर में 54 फीसदी की गिरावट भी देखने को मिली.
जब कंपनी से जुड़ा जलपोत पानी में डूबा
एवरग्रीन मरीन का नाम साल 2021 की शुरुआत में तब सामने आया था जब कंपनी से जुड़ा जहाज स्वेज नहर में फंस गया था. तब इस मामले ने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी थीं.