गाजियाबाद. यूपी में बिजली की बढ़ी दरों से परेशान उपभोक्ताओं को अब विद्युत विभाग की तरफ से अतिरिक्त सिक्योरोटी राशि जमा करने का नोटिस मिलना शुरू हो गया है. विद्युत नियामक आयोग के निर्देश पर बिजली विभाग विभिन्न अधिनियम और धाराओं का हवाला देते हुए लाखों उपभोक्ताओं को नोटिस थमा रही है. उपभोक्ताओं से तकरीबन दो महीने के बिजली बिल के बराबर जमानत राशि जमा कराने को कहा जा रहा है. यह धनराशि जमा नहीं करने पर 15 दिनों के अंदर बिजली का कनेक्शन काटने का भी फरमान दे रहे हैं. गाजियाबाद के सभी जोन के उपभोक्ताओं को यह नोटिस मिल रहा है. इस नोटिस के मिलने के बाद स्थानीय लोग, सामाजिक संगठन और आरडब्ल्यूए के लोग बिजली विभाग के इस नोटिस को लेकर सड़क पर उतर गए हैं. वहीं, विद्युत विभाग के अधिकारी शासन स्तर से आए निर्देशों का हवाला देते हुए अपनी विवशता जाहिर कर रहे हैं.
गाजियाबाद में विद्युत निगम द्वारा भेजे जा रहे नोटिस का अब हर तरफ विरोध शुरू हो गया है. विद्युत विभाग का नोटिस लेकर गाजियाबाद के अलग-अलग वद्युत उपकेंद्रों पर लोग पहुंच रहे हैं. गाजियाबाद के वैशाली सेक्टर 6 निवासी पुष्कर सिंह रावत कहते हैं, ‘बिजली कनेक्शन देते समय विभाग ने प्रति किलोवाट से हिसाब से जमानत राशि जमा कराई थी, लेकिन अब दबाव बनाया जा रहा है कि आप अतिरिक्त शुल्क जमा कराइए. पूराने कनेक्शन वालों के साथ यह घटना पहली बार हो रही है, जिसका हमलोग विरोध कर रहे हैं.’
बिजली विभाग के नोटिस से हड़कंप
रावत आगे कहते हैं, ‘बिजली विभाग उपभोक्ताओं को भ्रमित कर रही है. जब हमने अपनी खपत के अनुसार KVA का मीटर लगा रखा है, जिसका रेंट भी देते हैं तो यह कौन सी सिक्योरिटी राशि जमा करने को कह रहे हैं? अगर सिक्योरिटी है भी तो वो पहले से जमा है. आप लोड क्षमता के अनुसार 5%, 10%, 50%, 100% कितना बढ़ा रहे हैं? विभाग का यह नोटिस ठीक नहीं है. मैं बिजली विभाग से पूछना चाहता हूं कि चार लोगों को एक जैसा लोड अप्रूव मीटर है तो चारों को अलग-अलग सिक्योरिटी क्यों? लोड के अनुसार सिक्योरिटी राशि एक बार के लिए मान भी लें तो पहले से जमा राशि का कुछ प्रतिशत होना चाहिए न कि हजारों प्रतिशत ज्यादा’
क्या कहना है विभाग का
गाजियाबाद जिले में तकरीबन 11 लाख बिजली के कुल कनेक्शन हैं, जिसमें एक लाख से ज्यादा वाणिज्यिक, 9000 से ज्यादा नलकूप और तकरीबन 2000 औद्योगिक कनेक्शन हैं. अतिरिक्त सिक्योरिटी जमा करने को लेकर गाजियाबाद विद्युत निगम का कहना है कि यह नोटिस विद्युत आपूर्ति संहिता 2005 की धारा 4.20 और विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 47 के तहत भेजा जा रहा है. इसमें उपभोक्ताओं को तकरीबन दो महीने के बिजली बिल के हिसाब से जमानत राशि जमा करनी ही होगी. यह नोटिस नियमों के अनुसार ही भेजी गई है. बिजली विभाग के इस नोटिस के बाद गाजियाबाद के अलग-अलग इलाकों में उपभोक्ताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है. ट्रांस हिंडन आरडब्ल्यू फेडरेशन ने स्थानीय बीजेपी विधायक सुनील शर्मा से इस बारे में पत्र लिखा है. पत्र में जिक्र है कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण लिमिटेड के नोटिस से आम उपभोक्ता डरे हुए हैं. नोटिस में 500 से लेकर 2000 प्रतिशत अतिरिक्त सिक्योरिटी राशि जमा कराने को कहा गया है. खास बात यह है कि यह राशि नगद जमा करने के लिए कहा जा रहा है.