अभिषेक माथुर/हापुड़. पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में हो रही भारी बरसात से गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. गंगा खतरे के निशान के पास बह रही हैं. गंगा से सटे खादर क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और मुनादी कराकर गांवों को खाली कराने की अपील की जा रही है. प्रशासन द्वारा बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है और राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीमें भी तैनात कर दी गई हैं.
हापुड़ की तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर में गंगा का जलस्तर 198.32 दर्ज करने के साथ ही गंगा खतरे के निशान पर चल रही है. बिजनौर बैराज से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गंगा का जलस्तर बढ़ गया है. बाढ़ की आशंका को देखते हुए हापुड़ जिला प्रशासन अलर्ट मोड़ में है. डीएम प्रेरणा शर्मा ने ब्रजघाट का निरीक्षण किया और बाढ़ की आशंका को देखते हुए अधीनस्थ अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए. डीएम ने बताया कि गंगा से सटे गांवों में बाढ़ के खतरे को देखते हुए गांवों में मुनादी कराई जा रही है. राहत और बचाव कार्य के लिए 5 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं. सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है. एनडीआरएफ की टीमें भी अलर्ट मोड में है. गंगा के जलस्तर से कांवड़ लेने आने वाले शिवभक्तों के साथ किसी तरह का हादसा न हो, इसको ध्यान में रखते हुए गंगा के घाटों पर बैरीकेडिंग की गई है. गौरतलब है कि गंगा से सटे खादर के करीब 20 गांवों में गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही बाढ़ आने का खतरा है. इन 20 गांवों में मुनादी कराकर ग्रामीणों को अलर्ट किया जा रहा है. साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी मुस्तैदी के लिए निगाह बनाए हुए हैं.