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हमास के लड़ाकों के अमानवीय कृत्यों की निंदा करना कांग्रेस सांसद शशि थरूर को पड़ा भारी

इजरायल में घुसकर फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के लड़ाकों के अमानवीय कृत्यों की निंदा करना कांग्रेस सांसद शशि थरूर को भारी पड़ा है. केरल में मुस्लिम समुदायों के लिए काम करने वाले संगठन महल एम्पावरमेंट मिशन ने शशि थरूर को “फिलिस्तीन एकजुटता कार्यक्रम” से हटाने का निर्णय लिया है. आगामी 30 अक्टूबर को केरल में यह कार्यक्रम होना है. तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर को कार्यक्रम में संबोधन करने के लिए आमंत्रित किया गया था लेकिन अब संगठन की ओर से उन्हें सूचित कर दिया गया है कि उन्हें कार्यक्रम से हटाने का निर्णय लिया गया है.

संगठन ने क्या कहा?

न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक एमईएम अध्यक्ष शाहजहां श्रीकार्यम ने कहा, ‘हमने थरूर को सूचित कर दिया है कि उन्हें कार्यक्रम से हटाने का फैसला किया है.’ उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि गत सात अक्टूबर को इजरायल में हमास के लड़ाकों के हमले के बाद उन्होंने तो इसे आतंकवादी घटना करार दिया था. थरूर के इस बयान की वजह से कार्यक्रम में उन्हें शामिल करने को लेकर संगठन में आपस में विवाद हो रहा था.

शशि थरूर ने दिया स्पष्टीकरण

हालांकि इस फैसले के बाद बैकफुट पर आए शशि थरूर ने इस मामले में स्पष्टीकरण दिया है. सोशल मीडिया पर सूचनाओं का सामना कर रहे थरूर ने कहा है कि वह हमेशा से फिलिस्तीन के लोगों को साथ रहे हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि आईयूएमएल में एक रैली के दौरान उन्होंने हमास के हमले को लेकर एक टिप्पणी की थी, लेकिन भाषण के केवल एक हिस्से का प्रचार प्रसार करना ठीक नहीं है.

शशि थरूर के इस बयान से हैं मुस्लिम संगठन को आपत्ति

दरअसल केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) के प्रमुख घटक दल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) द्वारा केरल के कोझिकोड में गुरुवार को फिलिस्तीन एकजुटता रैली का आयोजन किया गया. इसमें कांग्रेस कार्यकारी समिति के सदस्य शशि थरूर के भाषण को लेकर विवाद पैदा हो गया है.  गत सात अक्टूबर को इजरायल में घुसकर हमास के हमले को थरूर ने आतंकवादी कृत्य बताया था. उनके इस बयान को लेकर की MEM को आपत्ति है, जिसके बाद एक दिन पहले शुक्रवार (27 अक्टूबर) को उन्हें आगामी कार्यक्रम से हटाने का निर्णय लिया गया है.  हालांकि अपने संबोधन में शशि थरूर ने युद्ध को तत्काल रोकने की मांग की थी और गाजा पर हो रहे हमले की भी निंदा की थी.

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