पाकिस्तान भले ही आर्थिक और राजनीतिक संकट के बुरे दौर से गुजर रहा हो, लेकिन हथियारों और युद्ध के मामले में उसकी सोच हमेशा से एक जैसी ही रही है. ताजा उदाहरण जिनेवा में निरस्त्रीकरण सम्मेलन (CD) की प्लेनरी मीटिंग है जहां वो एक बार फिर अपने मंसूबे को दर्शाने के लिए आगे आया है.
एचटी रिपोर्ट के मुताबिक, जिनेवा कन्वेंशन में भारत ने ‘2024 प्रोग्राम ऑफ वर्क’ के तहत फिसिल मैटेरियल कट-ऑफ प्रस्ताव को दुनिया के सामने पेश किया जिस पर पाकिस्तान ने हस्ताक्षर करने से साफ इनकार कर दिया है. खास बात यह है कि दुनिया में परमाणु हथियारों पर रोकथाम लगाने को लेकर भारत की तरफ से लाए गए इस प्रस्ताव पर जहां अमेरिका, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन ही नहीं बल्कि पाकिस्तान का दोस्त चीन भी समर्थन में आया है वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान ने भारत के इस प्रस्ताव का विरोध करना जरूरी समझा. हैरान करने वाली बात यह भी है कि भारत के युद्ध बंदी (POW) के दस्तावेज/प्रस्ताव का समर्थन जब चीन जैसा देश कर रहा है, बावजूद इसके पाकिस्तान उसमें अड़ंगा लगा रहा है. सीडी जिनेवा की मीटिंग में कई प्रतिनिधिमंडल ने तो इस बात को जानने की कोशिश की कि आखिर पाकिस्तान इस प्रस्ताव को क्यों रोकना चाहता है.
एक माह की अध्यक्षता के बाद भारत लेकर आया था प्रस्ताव
एक दिग्गज निरस्त्रीकरण राजनयिक का कहना है कि पाकिस्तान का बिना किसी ठोस कारण के युद्ध बंदी को रोकना उसकी खूनी मानसिकता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि भारत इसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए विचार-विमर्श के बाद अपनी अध्यक्षता के एक महीने (जनवरी 21-फरवरी 20) के बाद एक दस्तावेज के साथ सीडी जिनेवा में आया. सीडी जिनेवा की ओर से आखिरी POW 2022 में स्वीकार किया गया था, लेकिन पाकिस्तान ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर भारत के प्रस्ताव पर अड़ंगा लगा दिया है.
भारत के साथ सैन्य स्थिति प्रभावित होने का किया दावा
शुक्रवार को सीडी की पूर्ण बैठक में इस्लामाबाद ने हमेशा की तरह निरस्त्रीकरण और हथियार नियंत्रण के काम को बाधित करने में अपनी दिलचस्पी दिखाई. पाकिस्तान एफएमसीटी पर हस्ताक्षर करने का विरोध कर रहा है. इसको लेकर पाकिस्तान ने दावा किया है कि इससे भारत के साथ उसकी सैन्य स्थिति प्रभावित होगी.
भारत की पैठ को मजबूत होते नहीं देखना चाहता पाकिस्तान
इस मामले के जानकार राजनयिकों का कहना है कि पाकिस्तान कतई नहीं चाहेगा कि इस तरह का प्रस्ताव जो नई दिल्ली (भारत) की ओर से किया गया हो, उस पर आम सहमति हासिल हो. इस मंसूबे के चलते ही उसने पीओडब्ल्यू पर आम राय बनने में रोड़ा अटकाने का काम किया, जिसको भारत लेकर आया था. पाकिस्तान की यही सोच है कि भारत की इंटरनेशनल लेवल पर पैठ मजबूत नहीं हो. सीडी जिनेवा एक ऐसा संगठन है जोकि दुनिया में परमाणु हथियारों पर कंट्रोल करने को लेकर बना है. यह बात अलग है कि साल 2009 के बाद से एफएमसीटी को लेकर कोई सख्त नियम लागू नहीं हो सका है.
पाकिस्तान की चिंता पर मसौदे में भी किए गए थे बदलाव
जिनेवा सीडी में भारतीय प्रतिनिधि ने टिप्पणी करते हुए कहा कि एफएमसीटी पर पाकिस्तान की चिंता को शामिल करने के लिए ‘पीओडब्ल्यू’ में कुछ समझौते भी किए गए थे. बावजूद इसके पाकिस्तान ने इसमें अड़गा लगाने का काम किया है.