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सीमांकन की गलती बनी विकास में दीवार, सरकारी तंत्र की $गलती ने छीनी पहचान

जौनपुर धारा, सोनभद्र। सोनभद्र की धरती, जहां पहाड़ों की गोद में बसे धौठा टोला पश्चिमी,गोरादह -चुनियरा,पंचूडीह और खटखर जैसे बस्तियां आज भी विकास की रोशनी से कोसों दूर हैं।ये वो जगह हैं, जिनके सपने प्रशासनिक लापरवाही की भूल-भुलैया में खो गए हैं।ना सड़क,ना छत,ना पानी और ना ही बच्चों के भविष्य को संवारने वाले दस्तावेज़—यहां के निवासियों की जिंदगी एक अनसुनी दास्ताँ बनकर रह गई है। हर दिन जीविका की जद्दोजहद और पहचान की तलाश में भटकते ये लोग, मानो समय की धारा में ठहरे हुए हैं।स्थानीय डाला नगर से सटा हुआ एक क्षेत्र जो आबादी में तो हजार के आंकड़े को पार कर चुका है, पर पहचान के लिए अब भी तरस रहा है।धौठा टोला पश्चिमी, गोरादह-चुनियरा, पंचूडीह और खटखर जैसे इलाके विकास की दौड़ में ऐसे पीछे छूटे हैं जैसे किसी काफिले से बिछड़ा मुसाफिर — जिसे न कोई रास्ता पूछता है, न कोई मंजि़ल बताता है। ये क्षेत्र न तो नगर पंचायत डाला में शामिल हैं और ना ही ग्राम पंचायत कोटा में। नतीजा यह है कि यहां न तो पक्की सड़कें हैं, न सरकारी मकानों की छांव, न नालियों की व्यवस्था और न ही बच्चों के लिए मूलभूत दस्तावेज़ बनवाने की सुविधा। जबकि यहां के लोग आज भी अपने राशन कार्ड के सहारे सस्ते गल्ले की दुकान से राशन ले रहे हैं। करीब साढ़े चार साल पहले जब ग्राम पंचायत कोटा को विभाजित कर नगर पंचायत डाला का गठन हुआ, तब सीमांकन की प्रक्रिया में गम्भीर लापरवाही बरती गई। मानचित्र की बजाय गाटा संख्या के आधार पर सीमांकन कर दिया गया, जिससे धौठा टोला पश्चिमी और आसपास के इलाके पंचायत व्यवस्था से बाहर रह गए।कोटा ग्राम पंचायत के वार्ड 9 से 15 नगर पंचायत बना जबकि वार्ड 1 से 8 को ग्राम पंचायत माना गया जिसमें लापरवाही के चलते नगर पंचायत डाला व ग्राम पंचायत कोटा के मध्य स्थित धौठा टोला पश्चिम,गोरादह-चुनियरा,पंचूडीह एवं खटखर टोला छूट गया।यह गलती आज तक नहीं सुधारी गई और इतने साल बीत जाने के बाद किसी ने इसे सही करवाने की जद्दोजहद भी नहीं किया परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों के निवासी आज भी प्रशासनिक पहचान के लिए भटक रहे हैं। स्थानीय निवासी विश्वनाथ, शिवमंगल, हरिश्चन्द, हरीगोविंद, अशोक, राममनोहर, शोभनाथ, हीरालाल, मोहन, सोहन, श्रवण, पन्नालाल, नागेन्द्र, हंसलाल, सुरेन्द्र, प्रेमचन्द आदि समेत कई लोगों ने बताया कि बच्चों के जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र तक नहीं बन पा रहे। नतीजा यह कि न पढ़ाई पूरी हो पा रही है और न ही नौकरी के लिए आवेदन हो पा रहा है। भाजपा अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के जिला महामंत्री शंभू सिंह गोंड के नेतृत्व में क्षेत्रीय लोगों ने एक बैठक कर सोमवार को जिले में आ रहे प्रभारी मंत्री रविन्द्र जायसवाल से मिलने का निर्णय लिया गया। वहीं शनिवार को जब भाजपा जिलाध्यक्ष नंदलाल गुप्ता धौठा टोला के पश्चिमी क्षेत्र में आदिवासी किसानों के बीच उनकी समस्याओं को जानने के लिए पहुंचे, तो पूरे मामले को सुनकर नाराज हो गए तथा इस संदर्भ में क्षेत्रीय लेखपाल से कई प्रश्न पूछा जिसका जवाब लेखपाल दे नहीं सके तथा उक्त मामले पर अनभिज्ञता जाहिर किया।उन्होंने मौके पर ही जिलाधिकारी और जनपद के प्रभारी मंत्री रविन्द्र जायसवाल को फोन कर समस्या से अवगत कराया। उन्हें आश्वासन मिला कि इन टोलों को जल्द ही पंचायत व्यवस्था में शामिल किया जाएगा।

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