- कोटपा अधिनियम 2003 की धारा 4 के तहत बताया गया दंडनीय अपराध
- तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्यकर्मियों का सीएमओ कार्यालय में प्रशिक्षण
जौनपुर धारा, जौनपुर। मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सभागार में शुक्रवार को स्वास्थ्यकर्मियों का राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण हुआ। उत्तर प्रदेश वालंटरी हेल्थ एसोसिएशन लखनऊ से आए दिलीप कुमार ने कोटपा अधिनियम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक स्थानों तथा सरकारी कार्यालयों में तम्बाकू सेवन प्रतिबंधित कर रखा है। उन्होंने प्रशिक्षण में शामिल अधिकारियों से अपने कार्यालयों को तम्बाकू से मुक्त रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करते पाया जाना भारतीय तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम कोटपा 2003 की धारा 4 के तहत दंडनीय अपराध है। उल्लंघन करने वाले पर 200 रुपए तक का जुर्माना किया जा सकता है। चीन के बाद भारत में सबसे ज्यादा लगभग 274.9 मिलियन लोग किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं। इस दौरान लोगों से तम्बाकू का सेवन नहीं करने की अपील की गई। तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. राजीव कुमार ने तम्बाकू का सेवन करने से होने वाली बीमारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर तम्बाकू सेवन करने वालों पर कोटपा अधिनियम के तहत जुर्माना किया जा सकता है अथवा जेल हो सकती है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जनपद के सभी ब्लाकों के स्वास्थ्य शिक्षाधिकारियों (एचईओ), ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधकों (बीपीएम) व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने भाग लिया। एफएलसी जय प्रकाश गुप्ता, अजय सिंह, एनसीडी सेल के सभी अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए।