वाराणसी। लगातार 12घंटे स्थिर होने के बाद गंगा का जलस्तर धीमी गति से कम होने लगा है। वहीं, केंद्रीय जल आयोग ने आगामी एक सप्ताह के अंदर जलस्तर में फिर से बढ़ोतरी की आशंका जताई है। सात दिनों के पूर्वानुमान के अनुसार गंगा का जलस्तर 72 मीटर के ऊपर जाने की संभावना जताई गई है। रात नौ बजे गंगा का जलस्तर 70.91 मीटर दर्ज किया गया। केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी बाढ़ बुलेटिन के अनुसार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 71मीटर पर स्थिर था। गंगा के जलस्तर में मध्यरात्रि से ही ठहराव आया था। दोपहर 12 बजे से गंगा के जलस्तर में एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गिरावट शुरू हो गई। हर घंटे एक सेंटीमीटर की रफ्तार से गिरावट का सिलसिला जारी रहा और रात नौ बजे तक जलस्तर 70.91 मीटर तक पहुंच गया। पूर्वानुमान के अनुसार 30 अगस्त को सुबह आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 70.65 मीटर तक पहुंच सकता है। गंगा का जलस्तर गिरने से तटीय इलाकों में थोड़ी राहत मिली है। हालांकि, अस्सी से राजघाट के बीच घाट किनारे बने सारे मंदिर जलमग्न हो चुके हैं। दशाश्वमेध घाट की पुलिस चौकी में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है। मणिकर्णिका घाट पर छत पर और हरिश्चंद्र घाट पर गलियों में शवदाह हो रहा है। केंद्रीय जल आयोग ने अगले एक सप्ताह का जो पूर्वानुमान जारी किया है। उसके अनुसार गंगा के जलस्तर में अभी बढ़ोतरी होगी। सप्ताह भर के अंदर डेढ़ मीटर तक जलस्तर बढ़ सकता और बनारस में गंगा का जलस्तर 72 मीटर से ऊपर पहुंच जाएगा। दोबारा बाढ़ आने के कारण वरुणा किनारे बसे तातेपुर, सलारपुर, रसूलगढ़, पैगंबरपुर, दनियालपुर, मौजहाल, शक्करतालाब, हिदायतनगर, तालिमनगर, मीरघाट, शैलपुत्री समेत दर्जनों इलाकों में वरुणा का पानी घुस गया है। बाढ़ का पानी घरों में घुसने के बाद अब संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। हालांकि, प्रशासन की ओर से राहत शिविर सक्रिय कर पीड़ितों को दवा, भोजन और आवश्यक सामान मुहैया कराया जा रहा है लेकिन बाढ़ के पानी से घिरे लोग चोरी की आशंका से अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
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पंचायत भवन पर वन विभाग द्वारा लगाया गया ग्रीन चौपाल
केराकत। स्थानीय क्षेत्र के अंतर्गत छितौना गांव स्थित पंचायत भवन पर ग्राम प्रधान ममता यादव की अध्यक्षता में वन विभाग की टीम द्वारा "ग्रीन...
सात दिनों में 72मीटर के ऊपर पहुंच सकता है गंगा का जलस्तर
