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सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने में महिलाओं की अहम भूमिका : प्रो. निर्मला एस. मौर्य

  • सांप्रदायिक सद्भाव में महिलाओं की भूमिका विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

जौनपुर धारा, जौनपुर। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय संम्प्रदायिक सदभाव प्रकोष्ठ एवं वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंधन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में सात दिवसीय राष्ट्रीय संम्प्रदायिक सदभाव सप्ताह मनाया जा रहा है। इसके तहत व्यवसाय प्रबंधन विभाग में सांप्रदायिक सदभाव बरकरार रखने में महिलाओं की भूमिका विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को  किया गया। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के सन्देश में कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि महिलाएँ सदियों से सांप्रदायिक सदभाव को कायम रखने में अहम भूमिका निभाती आ रही हैं। बच्चों की पहला शिक्षिका उनकी माँ होती है। बचपन से ही सांप्रदायिक सदभाव का पाठ महिलाएं अपने बच्चों को देती रहती है। घरवालों, पड़ोसियों एवं समाज के बीच सांप्रदायिक सदभाव बनाने में महिलाओं हमेशा अग्रसर होती है। वहीं कामकाजी महिलाएं अपने कार्य स्थल पर सांप्रदायिक सदभाव की मिसाल देती रहती है। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं कार्यशाला के संयोजक प्रोफेसर मुराद अली ने कहा कि यह कार्यशाला सभी धर्मों का संगम है, जिसमें हर धर्म की एक महिला वक्ता अपने विचारों से सांप्रदायिक सदभाव का ताना बाना बुना है। टीडीपीजी महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष प्रो. वन्दना दुबे ने अपने सम्बोधन में कहा कि महिलाओं ने अपने कलम एवं साहित्य द्वारा सांप्रदायिक सदभाव को हमेशा वरीयता दिया है। मोहम्मद हसन पीजी महाविद्यालय की व्यवसाय प्रबंधन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर समरीन तबस्सुम ने कहा कि इस गलाकाट प्रतिस्पर्धा के युग में बिजनेस का कोई धर्म नहीं होता। व्यवसायिक संस्थानों को ग्राहकों की सेवा सर्वोपरि है। उत्तर प्रदेश सरकार की प्रथम महिला कांस्टेबल नरिंदर कौर ने अपने पुलिस कार्यकाल के कई ऐसे उदाहरण देते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि सांप्रदायिक सदभाव एवं देश की एकता कायम रखने में पुलिस बल हमेशा अग्रणी है। सेंट जॉन्स स्कूल की शिक्षिका एवं समाज सेवी सिस्टर जानिटा ने कहा कि शिक्षा ही ऐसा माध्यम है जिससे विश्व में सांप्रदायिक सद्भाव  की  खुशबू फैलाई जा सकती  है। इस अवसर पर  प्रो. वीडी शर्मा, डॉ. विनय वर्मा, डॉ. आरिफा, डॉ. प्रमेन्द्र विक्रम सिंह, डॉ. सैफुल हक, डॉ. राकेश उपाध्याय, अबू सालेह, राजेश कुमार, मोहित भटिया, नेहा विश्वकर्मा, सुशील कुमार, अभिनव श्रीवास्तव, शेखर गुप्ता, अनुपम कुमार आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रांकूर शुक्ला एवं धन्यवाद ज्ञापन मोहम्मद शहाबुद्दीन ने किया।

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