- गोबरा गांव में नेताजी मुलायम सिंह यादव के मूर्ति मुख का हुआ अनावरण
जौनपुर धारा, केराकत। राजनीति विचार धारा की राजनीति होनी चाहिए लोग अपनी भलाई के लिए एक पार्टी को छोड़ दूसरी पार्टियों में जाते है। अगर मैं राजनीति में हूं तो मेरी राजनीति रुचि मेरे पिता से आई है। क्योंकि नेता तो हर कोई बन जाता है लेकिन नेता बनने के बाद अगर वह जमीन से नहीं जुड़ पाता तो वह बेकार है। मैने देखा है कि बिना पद के मेरे पिता जमीन से जुड़कर लोगो के दु:ख-सुख में लगातार बने रहे। जिनसे मैं प्रेरित होकर राजनीति में आई हूं। उक्त बाते गोबरा गांव में पहुंच नेताजी मुलायम सिंह यादव के मूर्ति के मुख का अनावरण कर सार्वजनिक करते हुए मछलीशहर सांसद प्रिया सरोज ने कही। उन्होंने कहा कि मैं अपने जीवन में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व पिता को मैं अपना आदर्श मानती हूँ। आज मैं जो कुछ भी हूं अपने जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से हूं जिस विश्वास से जनता ने मुझे संसद में भेजा है मैं उनके विश्वास को टूटने नहीं दूंगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार तो नही बन सकी मगर हम सदन में मजबूत विपक्ष की भूमिका में जरूर है। एक मजबूत विपक्ष होने के नाते क्षेत्र की समस्यायों को संसद में मजबूती के साथ उठा कर उस समस्या का निस्तारण करने के लिए हर संभव प्रयारत रहेंगे। वही मौजूद विधायक तूफानी सरोज ने कहा कि पूर्वांचल में यह पहली बार देखने को मिल रहा है कि परम श्रेयद नेताजी की मूर्ति विधानसभा अध्यक्ष द्वारा लगवाया जा रहा है जो अति सराहनीय कार्य है मैं यहां आकर और नेता जी के मूर्ति मुख का अनावरण कर अपने आप को सौभाग्यशाली समझता हूँ।
वादा करना नहीं वादा पूरा हो जाय वह बड़ी बात है : नीरज पहलवान नेताजी मुलायम सिंह के मूर्ति मुख के अनावरण को लेकर सपा विधानसभा अध्यक्ष नीरज पहलवान ने कहा कि वादा करना बड़ी बात नही है, वादा पूरा हो जाय वह बड़ी बात है। हमने वादा किया था कि हम नेताजी का विशालकाय मूर्ति अपने गांव में स्थापित कराएंगे और आज उस वादे को पूरा कर हम अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोच दूरदर्शी तब होती है पिता संस्कारी होता है। आज नेताजी हम लोगो के बीच में नहीं है। उनकी याद में हम अपने गांव में परम श्रद्धेय नेताजी व अपने पिता धनरू यादव की भव्य मूर्ति की स्थापना करना चाहते थे। मूर्ति लाकर हमने अपने घर पर रख दिया जैसे ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्देश व आशीर्वाद मिलेगा तब स्थापना की जायेगी।