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Homeअपना जौनपुरसंदिग्ध परिस्थिति में लगी आग से स्वाहा हो गये हजारों विद्युत मीटर

संदिग्ध परिस्थिति में लगी आग से स्वाहा हो गये हजारों विद्युत मीटर

दमकल ने आग पर पाया काबू, मामले से पल्ला झाड़ते नजर आये जिम्मेदार

जौनपुर धारा, जौनपुर। लाइन बाजार थाना क्षेत्र के कन्हईपुर स्थित एक मीटर गोदाम में संदिग्ध परिस्थितियों में अचानक आग लग गयी। इसकी सूचना स्थानीय लोगों को हुई तो चारों तरफ अफरा-तफरी मच गयी। वहीं विभाग के जिम्मेदारान इस सूचना से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। विभाग के अधिकारियों को यहां तक नहीं मालूम कि पुराने मीटर किस उपयोग में लाये जाते हैं। फिलहाल कड़ी मशक्कत के बाद दमकल की गाड़ी ने आग पर काबू पाया। बताया जाता है कि उक्त थाना क्षेत्र के कन्हईपुर स्थित एलायड इंजीनियरिंग का गोदाम है जहां बिजली के खराब मीटर को रखा जाता है। गुरूवार की सुबह लगभग दस बजे उक्त गोदाम में संदिग्ध परिस्थितियों में अचानक आग लग गयी। उठता धुंआ देख आस-पास के लोगों में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना फायर ब्रिगेड को दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची टीम द्वारा किसी तरह आग पर काबू पाया गया। तब तक वहां भारी संख्या में रखे पुराने मीटर जलकर स्वाहा हो चुके थे। घटना की जानकारी के विषय में जब विभाग के एक्सईएन राम अधार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वहां पर कुछ लोगों द्वारा खाना बनाया जा रहा था। सम्भवत: आग लगने का कारण यही था। आगे उन्होंने कहाकि इसकी विस्तृत जानकारी डिस्ट्रीब्यूशन के अवर अभियन्ता एके सिंह ही बता सकते हैं। जब उनसे जानकारी चाही गयी तो उन्हे इस घटना की जानकारी ही नहीं थी। उनका कहना था कि इस अग्निकाण्ड की सम्पूर्ण जिम्मेदारी एलायड इंजीनियरिंग की है। जबकि इस क्षेत्र का प्रभार एके सिंह अवर अभियन्ता के पास है। इस अग्निकाण्ड में खराब बिजली के मीटर तो स्वाहा हो गये लेकिन जिम्मेदार यह तक नहीं बता पाये कि सरकार द्वारा करोड़ों की लागत से अर्जित किये गये मीटर खराब होने के बाद परिसरों से उतारकर किस मद में लिया जाता है जिससे ये स्पष्ट नहीं हो पाया कि इन खराब मीटरों को विभागीय स्तर पर जनपद में ही निष्क्रिय किया जाता है या मुख्यालय भेज दिया जाता है। इन सवालों पर जिम्मेदार अपना पल्ला झाड़ते नजर आये। इसके पूर्व भी नगर के कई स्थानों पर खराब मीटरों को लावारिस हाल में पाया गया जिसका संज्ञान समाचार पत्र के माध्यम से प्रकाशित किया गया जिसके उपरान्त विद्युत प्रशासन की निद्रा खुली और मीटरों को सुरक्षित कराया गया।

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