भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज़ विराट कोहली अपनी शानदार बल्लेबाज़ी के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते हैं. किंग कोहली के खेल में कई ऐसी चीज़ें शामिल हैं, जो उन्हें दूसरों से अलग बनाती हैं. कोहली को दूसरे से अलग बनाने वाली एक कहानी के बारे में पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने अपनी किताब ‘कोचिंग बियॉन्ड’ में खुलासा किया है. इस किस्से में श्रीधर ने कोहली मज़बूत मानसिकता बताने की कोशिश की है.
यह बात दरअसल 2018 की है, जब भारतीय टीम साउथ अफ्रीका में मौजूद थी. उस दौरान भारतीय टीम को तीनों फॉर्मेट खेलने थे. यहां मेहमान टीम को अभ्यास के लिए काउंटी ग्राउंड दिया गया. इसमें अधिक्तर खिलाड़ी सेंटर विकेट पर बल्लेबाजी कर रहे थे और उसके पीछे का विकेट इस्तेमाल नहीं हुआ था और वह खतरनाक विकेट था. श्रीधर ने उस किस्से को याद करते हुए बताया, “इंग्लैंड सीरीज़ से पहले, हम जनवरी, 2018 में साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज़ की तैयारी कर रहे थे. उन्होंने हमें अभ्यास के लिए एक काउंटी ग्राउंड दिया था, वहां पिचें खतरनाक थीं. वहां एक सेंटर विकेट था जिस पर हम अभ्यास कर रहे थे, लेकिन केपटाउन के वेस्टर्न प्रोविंस में साइड विकेट आदर्श से बहुत दूर थे.
मैं इस खतरनाक विकेट पर बल्लेबाजी करना चाहता हूं
उन्होंने आगे बताया, “विराट ने देखा कि उस विकेट के पर कोई भी बल्लेबाज़ी नहीं कर रहा था क्योंकि वह थोड़ा खतरनाक था. उसने फौरन पैड किए, संजू, रघु और मुझे बुलाया और कहा कि उसे उस पिच पर बल्लेबाज़ी करनी है. मैं चाहता हूं कि यह खतरनाक हो, मैं इस खतरनाक विकेट पर बल्लेबाजी करना चाहता हूं और मैं चाहता हूं कि रघु अपनी सबसे तेज गति से गेंदबाजी करें. उसने यह किया. वह हर बार ऐसा ही करता था. उन्होंने कठिन परिस्थितियों में खुद को गंभीर संकट में डाल दिया और सुनिश्चित किया कि वह इससे उभर जाएं. वो अपने हुनर को निखार रहा था, मानसिक रूप से भी खुद को तेज कर रहा था. गौरलतब है कि कोहली का यह कठिन परिश्रम काम आया और वो टेस्ट सीरीज़ में हाई रन स्कोरर रहा था. उसने तीन मैचों में 1 शतक और 1 अर्धशतक की मदद से 286 रन बनाए थे. इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में कोहली ने अपनी इस फॉर्म को बरकरार रखा और उसने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ में 593 सर्वाधिक रन बनाए.