बाराबंकी:वैसे तो मशरूम में सबसे ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है, जो हमारे शरीर के लिए काफी ज्यादा लाभदायक होता है. लेकिन क्या आपको पता है मशरूम की खेती आपको लखपति बना सकती है. बता दें कि बाराबंकी जिले के किसान अब मशरूम की खेती की तरफ ज्यादा अग्रसर हो रहे हैं और इसकी खेती करके अच्छा लाभ भी कमा रहे हैं. मसरूम जाड़े के मौसम में होने वाली खेती है. इसका इस्तेमाल सब्जी के रूप में किया जाता है और मार्केट में भी मशरूम की काफी मांग रहती है, जिससे यह अच्छे रेट में बिक जाता है.
जनपद बाराबंकी के हरख ब्लाक क्षेत्र के उधवापुर गांव में मशरूम की खेती करने वाले युवा किसान तिलकराम ने 70 हजार रुपये की लागत लगाकर मशरूम की खेती की शुरुआत की थी. उसमें अच्छा मुनाफा मिलने के बाद इस समय करीब दो लाख की लागत लगाकर मशरूम की खेती कर रहे हैं और करीब एक फसल पर 3 से 4 लाख रुपए मुनाफा कमा रहे हैं. वहीं किसान तिलकराम का कहना है कि अन्य खेती के मुकाबले मशरूम की खेती करके किसान केवल 70 से 80 हजार लगा कर दो से तीन लाख रुपये मुनाफा कमा सकते हैं.
बेहद आसान है मशरूम की खेती
किसान तिलकराम का कहना है करीब हम पांच सालों से मशरूम की खेती कर रहे हैं. इसे पहले हम पारंपरिक तौर पर धान, गेहूं की खेती करते थे. उसमें हमें कोई फायदा नहीं नजर आ रहा था फिर हमें मशरूम की खेती की जानकारी हुई उसके बाद हमने ढाई कुंतल भूसे से एक छप्पर के बंगले से शुरुआत की जिसमें लागत करीब 70 हजार रुपए आई इसमें हमें अच्छा लाभ मिला. आज हम करीब 3 छप्परो में मशरूम की खेती कर रहे हैं. इसकी खेती में गोबर की खाद गेहूं के भूसे की खपत ज्यादा होती है.
किसान कमाएंगे लाखों का मुनाफा
किसान ने बताया कि एक बंगले के अंदर मशरूम उगाने के लिए लगभग 40 कुंतल भूसे की जरूरत पड़ती है. भूसे में गोबर की खाद मिलाकर उसे करीब एक महीने सड़ाया जाता है. उसके बाद इसमें मशरूम के बीज बोए जाते हैं. करीब 15 दिनों में बाद मशरूम निकालना शुरू हो जाते हैं. इसकी खेती करना कोई मुश्किल नहीं इस समय हम 3 छप्परों में मशरूम लगाए हैं जिसमें लागत करीब डेढ़ से 2 लाख रुपए आती है. अगर मुनाफे की बात करें तो लागत निकाल कर 3 से 4 लाख रुपए आराम से बचत हो जाती है. इसकी खेती मुनाफे वाली खेती है.