विद्युत विभाग भले ही तारों को बदलने का दावा कर रही है, लेकिन आज की दशा यह है कि किस क्षेत्र में गाजीपुर जैसी घटना घटित हो जाये, नहीं कहा जा सकता।
जी हाँ हम जौनपुर जिले के विद्युत विभाग की लापरवाही की बात कर रहें है। जहाँ कागजों पर चिड़िया बैठाकर विभाग वाले खुद की पीठ थपथाता रहें है। लेकिन धरातल सच्चाई कुछ और ही है। जिसका खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ता है। यहां गली-मुहल्लों में जर्जर तार व पोल हर समय हादसे का दावत दे रहे हैं।
स्थिति यह है कि नीचे लटक रहें तारों को बांस से उठाकर वाहनों को पार कराया जा रहा है। सरकार के आदेश के बाद भी बिजली विभाग के अधिकारी व कर्मचारी नियमों की अनदेखी कर रहें है। जौनपुर नगर मे चार साल पूर्व जर्जर तारों को बदलकर भूमिगत तारों को बिछाने का कार्य किया गया था। कुछ स्थानों पर तो भुमिगत तार पहुँच ही नहीं पाये और कई स्थान ऐसे भी है जहाँ भूमिगत सप्लाई ध्वस्त हो गई है। वहीं गर्मी के मौसम में जब तेज हवाओं से तारें सटते है तो चिंगारी निकलती है और खतरा बढ़ जाता है।
आइये आपको रूबरू करातें नगर के उन क्षेत्रों से जहाँ जर्जर लटके हुए तार आज भी किसी हादसे का इन्तजार कर रहीं है।
आपको बताते चलें कि नगर के ख्वाजगी टोला के लोगों का दर्द भी कुछ ऐसा ही है। जहाँ विभाग के मानक में 40 मीटर से अधिक की दूरी पर कनेक्शन नहीं दिया जाता वहीं क्षेत्र के अधिकारी व कर्मचारियों की मेहरबानी से लगभग १०० मीटर से अधिक दूरी पर भी कनेक्शन दिया गया है। वहीं यह भी देखा जा रहा है कि पूरे क्षेत्र में तारों की अवस्थ बिल्कुल ही जर्जर बनी हुई है। जो घटना को दावत दे रहीं है।
दूसरा मामला नगर के अचला देवी घाट रोड़ का है जहाँ के जे.ई.की कार्यप्रणाली उनके जिम्मेदार होने का एहसास दिलाती है। आज से कुछ समय पहले जर्जर लटके हुए तारों की शिकायत पर उन्होने विद्युत पोल के तार को एक मकान के खम्बे पर बांध दिया, जो कई महिने बीत जाने के बाद भी आज तक सही नहीं किया जा सका।
तीसरा मामला नगर के मुफ्ती मोहल्ला प्राइमरी विद्यालय के पास का है, जहाँ नियमों की अनदेखी करते हुए बिजली का कनेक्शन दिया गया और दर्जनों कनेक्शन होने के बावजूद भी आज तक बिजली का पोल नहीं लग सका। कनेक्शनों पर पोल से दूरी की बात की जाये तो वहाँ भी 100 से 150 मीटर की दूरी पर कनेक्श दिया गया है और पूरे क्षेत्र में जर्जर तारों का मकड़ाजाल फैला हुआ है।
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