लखनऊ शहर से सटे हुए गांव मीरपुर में तेंदुए की दहशत की वजह से लोगों की रातों की नींद उड़ गई हैं. दहशत का माहौल इस कदर है कि लोग अपने पास डंडे और ईंटें जमा कर लिए हैं. डीएफओ रवि कुमार सिंह ने बताया कि वन विभाग को यह सूचना मिली थी कि मीरपुर गांव में तेंदुए के पैर के निशान मिले हैं.
सूचना पाकर टीम वहां पहुंची और पूरा निरीक्षण किया. निरीक्षण के साथ ही सबसे पहले आसपास के लोगों को यह विश्वास दिलाया गया कि वन विभाग की टीम यहां मौजूद है. ऐसे में वे न तो किसी दहशत में आएं और ना ही किसी तरह की अफवाहों पर ध्यान दें. डीएफओ ने बताया कि पैरों के निशान लेकर जब जांच के लिए भेजा गया तो उसमें यह पाया गया है कि यह पैरों के निशान किसी लकड़बग्घे के हैं. उन्होंने बताया कि लकड़बग्घे के शरीर में भी धारियां होती है जिस वजह से लोग लकड़बग्घा और तेंदुए में अंतर नहीं कर पाते हैं. हालांकि इसके बावजूद वन विभाग की तीन वहां पर लगा दी गई हैं, जो वहां पर तैनात है. टीम लगातार मॉनीटरिंग कर रही है. अगर लकड़बग्घा होगा तो उसे भी वहां से रेस्क्यू कर लिया जाएगा यदि कोई दूसरा जीव होगा तो उसे भी वहां से रेस्क्यू करके किसी दूर जगह पर छोड़ दिया जाएगा. गांव के लोगों को 3 दिसंबर की सुबह ही तेंदुए जैसे पैरों के निशान मिले थे. जिसके बाद से ही वहां पर हड़कंप मच गया था और लोग दहशत में आ गए थे. इसके बाद लोगों ने ही वन विभाग को सूचना देकर बताया था कि यहां पर तेंदुआ है. हालांकि डीएफओ का कहना है कि तेंदुआ नहीं बल्कि लकड़बग्घा है और मॉनिटरिंग की जा रही है.