राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव का बहिष्कार करने का फैसला

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शिवसेना ने अडानी समूह के मामले पर चर्चा न होने के कारण राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव का बहिष्कार करने का फैसला किया है. शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत (Sanjay Raut) ने मंगलवार (7 फरवरी) को कहा कि अडानी के खिलाफ लगे हेरफेर और धोखाधड़ी के आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग पूरी न करने पर धन्यवाद प्रस्ताव का बहिष्कार करने का फैसला किया है.

सदन में मंगलवार से राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव चर्चा शुरू हुई है. संजय राउत ने ट्वीट कर कहा, “संयुक्त विपक्ष के रूप में हम सरकार से मांग करते हैं कि शेयरों में हेराफेरी, मूल्य निर्धारण और शेयर बाजार में राउंड ट्रिपिंग पर जेपीसी का गठन किया जाए. शिवसेना ने धन्यवाद प्रस्ताव का बहिष्कार करने का फैसला किया है. हम जेपीसी से सच्चाई की तह तक जाने की मांग करते हैं.” शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी जेपीसी की मांग को दोहराते हुए कहा कि सरकार पर राष्ट्र के प्रति जवाबदेही और पारदर्शिता की जिम्मेदारी है. 

जांच की मांग से कोई समझौता नहीं

उन्होंने ट्वीट किया, “शिवसेना राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव में भाग नहीं लेगी. किसी भी अन्य चर्चा से पहले जेपीसी की हमारी मांग में कोई समझौता नहीं करेंगे. भारत सरकार देश के प्रति जवाबदेही और पारदर्शिता के लिए जिम्मेदार है.” अडानी के मुद्दे को लेकर संसद बीते 3-4 दिनों में बार-बार स्थगित करनी पड़ी क्योंकि विपक्षी सांसद अडानी समूह के मुद्दे पर तत्काल चर्चा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब की मांग कर रहा है. 

अडानी मुद्दे को लेकर विपक्ष केंद्र पर हमलावर

इस मामले में जेपीसी जांच की मांग को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, “हम कह रहे हैं कि हम चर्चा में भाग लेंगे, लेकिन आप उचित जांच और अडानी मुद्दे पर एक जेपीसी या सीजेआई की निगरानी वाली जांच के गठन की हमारी मांग को स्वीकार करें. आप घबराए हुए क्यों हैं? यहां क्या गलत है, क्या आप ऐसा नहीं करते? वे चर्चा से भाग रहे हैं, हम नहीं. गौरतलब है कि अमेरिका स्थित शार्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए दावा किया कि अडानी ग्रुप (Adani Group) ने स्टॉक में हेरफेर और धोखाधड़ी की है. अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार बताया है. 

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