हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट के लिए हो रहे चुनाव से ठीक पहले विधायक राजेंद्र राणा ने कांग्रेस को तेवर दिखाए हैं. साल 2017 के हिमाचल चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को हराने वाले राजेंद्र राणा का सुक्खू सरकार में मंत्री पद तय माना जा रहा था लेकिन ऐसा हुआ नहीं. अब राजेंद्र राणा ने इसका जिक्र करते हुए इशारों-इशारों में अपनी ही पार्टी पर हमला बोला है. उन्होंने दो टूक कहा है कि अब वह कोई मंत्री पद स्वीकार नहीं करेंगे.
राजेंद्र राणा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र सुजानपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे मतदाताओं ने मुझसे कहा कि आप जहां खड़े होंगे, हम साथ हैं. सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि उनको मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात चल रही है लेकिन सुजानपुर झूठ स्वीकार करने में विश्वास नहीं करती. अब मंत्री बनने का सवाल ही नहीं है. राणा ने यह भी कहा कि हाल ही में मंत्रियों की सूची से उनका नाम हटा दिया गया. उन्होंने इसे सुजानपुर क्षेत्र के मतदाताओं के सम्मान से भी जोड़ा. कांग्रेस विधायक ने कहा कि यह केवल मेरे संबंध में नहीं है, यह सुजानपुर के मतदाताओं के सम्मान से जुड़ा है जिन्होंने कांग्रेस को वोट देकर हिमाचल प्रदेश की राजनीति बदल दी. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक राजेंद्र राणा ने कहा कि 14 महीने गुजर गए और कैबिनेट का विस्तार भी हुआ. उन्होंने साफ कहा कि अब हम मंत्री पद स्वीकार नहीं करेंगे. राजेंद्र राणा ने कहा कि पिछले साल 5 मार्च को होली मेले के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुजानपुर को लेकर कई ऐलान किए थे लेकिन उनमें से केवल दो ही पूरी हुई हैं. उन्होंने जूनियर ऑफिस असिस्टेंट समेत सभी परीक्षा के नतीजे जल्द घोषित करने की वकालत की. गौरतलब है कि सुजानपुर के विधायक ने हाल ही में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखकर कहा था कि सरकार गठन के 14 महीने बाद भी युवा नौकरी के लिए इंतजार कर रहे हैं. राज्यसभा की एक सीट के लिए कांग्रेस और बीजेपी, दोनों ही दलों ने उम्मीदवार उतारे हैं. राज्यसभा चुनाव में नंबरगेम कांग्रेस के पक्ष में था लेकिन बीजेपी ने दूसरा उम्मीदवार उतारकर यह सीट फंसा दी. हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने दावा किया था कि पार्टी लाइन से हटकर भी कई विधायकों से संपर्क किया जा रहा है. बीजेपी ने कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ हर्ष महाजन को उम्मीदवार बनाया है. हर्ष भी कांग्रेस से ही आए हैं और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के करीबियों में गिने जाते थे. बीजेपी के दावे के बीच अब राजेंद्र राणा के रुख ने कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है.