प्रयागराज. बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के विवेचक सीबीआई के डिप्टी एसपी अमित कुमार माफिया अतीक अहमद के बचाव में उनके पक्ष में गवाही देकर मुश्किलों में फंस गए हैं. अभियोजन ने माफिया अतीक अहमद के बचाव में गवाही देने वाले सीबीआई अफसर के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्रालय में शिकायत की है. अभियोजन ने डीएम प्रयागराज के माध्यम से केन्द्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है.
सीबीआई अफसर अमित कुमार पर उमेश पाल अपहरण केस में अतीक के बचाव में गवाही देने का आरोप है. इसके अलावा उन्होंने राजू पाल हत्याकांड की विवेचना में गवाहों के लिस्ट से उमेश पाल का नाम भी हटा दिया था. गवाहों की लिस्ट से उमेश पाल का नाम हटाने के बाद उसका केस डायरी में बयान भी दर्ज नहीं किया था, जबकि ऐसा करना जरूरी था. एडीजीसी सुशील कुमार वैश्य के मुताबिक राजू पाल हत्याकांड के बाद पुलिस ने उमेश पाल को प्रत्यक्षदर्शी गवाह माना था. इसके बाद सीबीसीआईडी ने भी उसे गवाह माना था. लेकिन सीबीआई के डिप्टी एसपी अमित कुमार द्वारा उमेश पाल को गवाह ना माने जाने के बारे में वे अदालत में अभियोजन के सवालों पर कोई जवाब नहीं दे सके थे. इसके साथ ही अभियोजन ने जब उनसे पूछा कि उन्होंने केस डायरी में उमेश पाल का बयान क्यों नहीं दर्ज किया तो इसका भी उन्होंने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया. सीबीआई के डिप्टी एसपी अमित कुमार ने अपने बयान में कहा था कि उमेश पाल का अपहरण ही नहीं हुआ था. हालांकि उमेश पाल अपहरण कांड में अभियोजन ने मजबूत पैरवी की. जिसके चलते 28 मार्च को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने 142 पेज का जो फैसला सुनाया उसमें माफिया अतीक अहमद, उनके वकील खान सौलत हनीफ और दिनेश पासी को उम्र कैद की सजा सुनाई. इस मामले में लोक सेवक होते हुए सीबीआई के डिप्टी एसपी अमित कुमार का आचरण लोक सेवक की नियमावली के विपरीत पाया गया. इसके साथ ही उमेश पाल अपहरण केस में विवेचक ना होते हुए भी उन्होंने माफिया अतीक अहमद के पक्ष में जो बयान दिया वह भी पूरी तरह से गलत था. उमेश पाल अपहरण कांड के फैसले का अध्ययन करने के बाद अभियोजक ने डीएम प्रयागराज के माध्यम से सीबीआई के अफसर अमित कुमार के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की भी सिफारिश की गई है. इस मामले में सीबीआई के डिप्टी एसपी अमित कुमार के खिलाफ कार्यवाही होना तय मानी जा रही है.