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राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से रिहा करने पर कांग्रेस ने जताई नाराजगी

कांग्रेस ने राजीव गांधी हत्या मामले में दोषियों की रिहाई संबंधी आदेश पर नाराजगी जताई है. कांग्रेस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने का फैसला पूरी तरह से अस्वीकार्य, पूरी तरह गलत है. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उच्चतम न्यायालय ने देश की भावना के अनुरूप कार्य नहीं किया.

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (11 नवंबर) को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे नलिनी और आरपी रविचंद्रन सहित छह आरोपियों को रिहा करने का निर्देश दिया है. दोनों ने समय से पहले रिहाई की मांग को लेकर शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था.

“सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अस्वीकार्य”

जयराम रमेश ने कहा कि पूर्व पीएम राजीव गांधी के हत्यारों को मुक्त करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अस्वीकार्य है. कांग्रेस इसकी आलोचना करती है और इसे पूरी तरह से अक्षम्य मानती है.  न्यायाधीश बीआर गवई और बीवी नागरत्ना की पीठ ने जेल में दोषियों के अच्छे आचरण को ध्यान में रखते हुए आदेश दिया है. शीर्ष अदालत ने नलिनी, रविचंद्रन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार, एस राजा और श्रीहरन को रिहा कर दिया. इससे पहले संविधान के अनुच्छेद-142 के तहत प्रदत्त शक्ति का इस्तेमाल करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था, जिसने 30 साल से अधिक जेल की सजा पूरी कर ली थी. पेरारिवलन हत्या के मामले में सात दोषियों में से एक था.

बता दें कि, 21 मई 1991 की रात राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरुंबदूर में एक चुनावी सभा के दौरान हत्या कर दी गई थी. इसके लिए धानु नाम की एक महिला आत्मघाती हमलावर का इस्तेमाल किया गया था.

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