पीलीभीत: आमतौर पर किसान तैयार हो चुकी फसल की जल्द से जल्द कटाई कर नई फसल की बुवाई में जुट जाते हैं. लेकिन पीलीभीत जिले का एक इलाका ऐसा भी है जहां कटने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी गन्ने की फसल की कटाई से किसान कतरा रहे हैं. इसके पीछे का कारण जान कर आप भी हैरान रह जाएंगे.
पीलीभीत जिला प्रदेश भर में कृषि उत्पादन में अधिक योगदान देने वाले प्रमुख जिलों में से एक है. जिलेभर में मुख्य तौर पर धान व गन्ने का उत्पादन किया जाता है. लेकिन जिले में कई इलाके ऐसे हैं जहां हर साल फसलों की कटाई प्रभावित होती है. वहीं इस रुकावट के पीछे का कारण भी कोई प्राकृतिक आपदा या इंसान नहीं बल्कि वन्यजीव हैं. दरअसल, पीलीभीत जिले में टाइगर रिजर्व से सटे कई इलाकों में बाघ डेरा जमाए रहते हैं. यह बाघ गन्ने व धान की फसलों में ही खुद को छिपाते हैं. ऐसे में फसलों की कटाई के दौरान मानव वन्यजीव संघर्ष की परिस्थिति बन जाती हैं. अगर हाल फिलहाल की बात करें तो माधोटांडा इलाके में स्थित पिपरिया संतोष गांव के किसान मिल से पर्ची मिलने के बाद भी गन्ने की फसल काटने से कतरा रहे हैं. वहीं दोगुनी मजदूरी देने के बावजूद भी मजदूर इन खेतों में जाने से साफ इंकार कर रहे हैं. बता दें कि इस इलाके में बीती 19 अक्टूबर से बाघ की चहलकदमी देखी जा रही है. कई खेतों में कटाई के दौरान बाघ किसानों पर हमलावर हो चुका है. ऐसे में अब तैयार हो चुकी गन्ने की फसल जस की तस खड़ी है. पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत सामाजिक वानिकी के डीएफओ संजीव कुमार ने बताया कि टीम लगातार निगरानी में जुटी हुई है. उच्चाधिकारियों को पूरी परिस्थितियों से अवगत करा दिया है. अनुमति मिलने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाएगा.