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Homeविविधयुवाओं में क्यों बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले ?

युवाओं में क्यों बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले ?

दिल का दौरा पड़ने की वजह आमतौर पर ‘मोटापे’ और ‘हाई कोलेस्ट्रॉल’ को माना जाता है. लेकिन हाल ही में युवाओं में हार्ट अटैक की हो रही घटनाएं एक अलग और चिंताजनक तस्वीर पेश करती हैं. ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं, जिनमें सैर करते, जिम में कसरत करने जैसी रोजमर्रा की गतिविधियां करते और शादी में नाचते समय लोग हार्ट अटैक के शिकार हो गए. इस बारे में प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञों का मानना ​​है कि एक्सरसाइज करने के तरीके भी युवाओं में दिल के दौरे का कारण बन सकते हैं.

पिछले कुछ वर्षों में, हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि हुई है, विशेष रूप से 25 से 50 वर्ष की आयु के लोगों के बीच इसके मामले बढ़े हैं. हाल ही में कन्नड़ सुपरस्टार पुनीत राजकुमार, गायक केके और हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव जैसी कई हस्तियों का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. इसके बाद हृदयाघात के बारे में कुछ व्यापक रूप से गलत धारणाएं सामने आई हैं, जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के हृदय रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. नीतीश नाइक कहते हैं, “हृदय को रक्त और पोषण की आपूर्ति करने वाली धमनियों में अचानक रुकावट के कारण दिल का दौरा पड़ता है.” नाइक कहते हैं, ‘धूम्रपान के आदी, सुस्त जीवन शैली वाले, मोटापे, खराब रक्तचाप से ग्रस्त, मधुमेह से पीड़ित या उच्च कोलेस्ट्रॉल के शिकार लोगों के साथ इस तरह की दिक्कत हो सकती हैं.’ उन्होंने कहा कि इसके केवल यही कारण नहीं हैं. जिम में अत्यधिक कसरत करने से भी ऐसा हो सकता है. पैन मैक्स- कार्डिएक साइंसेज में कैथ लैब के प्रमुख निदेशक और प्रमुख डॉ. विवेक कुमार कहते हैं, ‘अनियमित व्यायाम से दिल का दौरा पड़ सकता है, इसलिए बिना प्रशिक्षण के व्यायाम नहीं करना चाहिए. उजाला सिग्नस ब्राइटस्टार हॉस्पिटल, मुरादाबाद के सीनियर कंसल्टेंट और ‘इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट’ डॉ. विजया कुमार कहते हैं, ‘हां, ज्यादा व्यायाम करने से कोरोनरी वाहिकाओं में जमी परत फट सकती है, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है. नई दिल्ली के पटपड़गंज में स्थित मैक्स अस्पताल में हृदय रोग विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर विनीत भाटिया ने कहा, ‘आंकड़ों की बात की जाए तो युवाओं में इसके 15-18 प्रतिशत मामले होते हैं.’ लेकिन युवाओं में हृदयाघात के मामले केवल अत्यधिक व्यायाम के कारण नहीं देखे गए हैं. कोविड से भी दिल का दौरा पड़ने के मामले बढ़े हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि कोई कैसे जान सकता है कि कोविड या अधिक व्यायाम हृदय की समस्याओं का कारण है? फोर्टिस अस्पताल, नोएडा के ‘कार्डियक साइंसेज’ के अध्यक्ष और ‘कार्डियक सर्जरी’ के प्रभारी डॉ. अजय कौल बताते हैं, ‘धमनी में वसा की परत का निर्माण होता है. यह परत टूटकर रक्त वाहिका में प्रवेश कर जाती है, जिससे वाहिका में रक्त का थक्का बन जाता है, और वह बंद हो जाती है.’ कौल कहते हैं, ‘यह सच है कि कोविड ने भी बहुत दिक्कतें पैदा की हैं. कोविड से रक्त के थक्के जम सकते हैं. कोविड से हृदय और फेफड़ों की समस्याएं पैदा होती हैं.

कोविड की वैक्सीन भी कुछ हद तक हैं जिम्मेदार

कौल कहते हैं, ‘टेस्ट और मूल्यांकन. उनका कहना है कि इसके लिए किसी डॉक्टर के पास जाएं, तो वह आपको बताएगा कि क्या कोविड केवल आपके फेफड़ों तक ही सीमित था या नहीं.’ उन्होंने कहा कि कोविड के खिलाफ लड़ाई में टीकों का अहम योगदान रहा है. हालांकि, कोविड रोधी टीके कुछ मामलों में हृदयाघात का कारण भी बने हैं. ऐसे में इस तरह के मामलों से कितना चिंतित होने की जरूरत है? इस बारे में कौल कहते हैं, ‘लाभ, जोखिमों से कहीं अधिक हैं. टीकाकरण में कई अन्य समस्याएं हैं. हां, ऐसा है. लेकिन संख्या इतनी कम है कि उन्हें अनदेखा किया जा सकता है. दूसरा, यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि कोविड हृदय की समस्याओं को और अधिक बढ़ा सकता है.

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