महापौर और पालिका व पंचायत अध्यक्षों के पद पर आरक्षण को लेकर सत्तारूढ़ दल में विरोध के सुर उठने लगे हैं। इसके चलते शनिवार को इन पदों पर चुनाव के लिए आरक्षण जारी नहीं हुआ। अब सरकार व संगठन में आरक्षण को लेकर एक राय होने के बाद भी इसकी घोषणा की जाएगी।
सूत्रों का कहना था कि विभाग की ओर से चक्रानुक्रम से तैयार आरक्षण के प्रस्ताव पर सत्तारूढ़ दल में सहमति नहीं बनी है। कुछ निकायों में महापौर व अध्यक्ष पद सामान्य के लिए आरक्षित किया गया है, जबकि सत्तारूढ़ दल 2024 के सामाजिक समीकरण के तहत वहां ओबीसी आरक्षण चाहता है। इसी प्रकार जहां सीट ओबीसी के लिए आरक्षित की गई है वहां पार्टी सीट को सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित कराना चाहती है। आरक्षण को लेकर शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस स्थगित होने पर नगर विकास व ऊर्जा मंत्री अरविंद शर्मा के कहा कि आरक्षण पर आपत्ति की कोई बात नहीं है। बिजली कर्मचारियों के साथ वार्ता में व्यस्त होने के कारण ऐसा हुआ।