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Homeअपना जौनपुरमुसलमानों ने अदा की रमज़ान के पहले जुमे की नमाज़

मुसलमानों ने अदा की रमज़ान के पहले जुमे की नमाज़

  • इंसान को अच्छाई की तरफ ले जाता है रोज़ा : मौलाना आफ़ाक़

जौनपुर धारा,जौनपुर। शुक्रवार को लाखों मुसलमानों ने रमज़ान के पवित्र महीने की पहली जुमे की नमाज़ शहर भर में विभिन्न मस्जिदों में अदा की। इस अवसर पर ऐतिहासिक शाही अटाला मस्जिद में हज़ारों मुसलमानों को खेताब करते हुए मौलाना आफ़ाक़ ने कहा कि रोज़ा इंसान को बुराइयों से रोक कर अच्छाईयों की तरफ ले जाता है। उन्होनें बताया कि हज़रत मुहम्मद सल्ललाहु अलैही वसल्लम का फरमान है कि रोज़ा इंसान के लिए बुराइयों से ढाल है जब तक वह इसे फाड़ ना डाले। ज़क़ात व फितरा के बारे में भी उन्होंने बताया। इस मौके पर इमाम ए जुमा शाही अटाला मस्जिद मौलाना सलाहुद्दीन ने नमाज़ ए जुमा अदा कराई। शाही झंझरी मस्जिद में जुमे की नमाज़ अदा कराई गई। इसके पहले अपनी तक़रीर में मौलाना ने कहा कि रोज़ा रखने का मतलब सिर्फ भूखे प्यासे रहना नहीं है। रोज़ेदार पर लाज़मी है कि वो अपनी आंखों, अपनी ज़बान और कानों का भी रोज़ा रखे और किसी की तरफ ग़लत निगाह ना डाले और अपनी ज़बान से लोगों को तकलीफ ना पहुंचाएं। शाही जामा मस्जिद (बड़ी मस्जिद) मे मौलाना अबू हुरैरा मुल्ला टोला ने जुमे की नमाज़ अदा कराई। उसके पहले उन्होंने बताया कि रोज़ेदारों को चाहिए कि वह अपने पड़ोसियों, रिश्तेदारों में उन लोगों का भी ख्याल रखें जो कि ग़रीबी की वजह से रमज़ान में परेशान नज़र आते हैं। शाही पुल स्थित शेर मस्जिद के क़ारी इश्तेयाक ज़िया जौनपुरी ने जुमे की नमाज़ अदा कराई उसके पहले उन्होनें कहा कि गरीब की मदद करना हम पर लाज़िम है। रोज़ा खास अल्लाह के लिए रखा जाता है और इसका बदला इंसान को अल्लाह ही देगा,जिसका अंदाजा भी इंसान नहीं लगा सकता। खानकाह रशिदिया मीरमस्त मे मौलाना मेराज ने जुमे की नमाज़ अदा कराई उसके पहले उन्होंने कहा कि अल्लाह ताआला को रोज़ेदार के मुंह की बू मुश्क की खुशबू से ज्यादा पसंद है। रोज़ेदार को चाहिए कि वह रमज़ान में नेकी करने की आदत डालें ताकि रमज़ान के बाद वह नेकी करता रहे। मदीना मस्जिद नवाब साहब का आहाता मे मौलाना अहमद रज़ा ज़ाफ़री ने जुमे की नमाज़ अदा कराई उसके पहले नमाज़ियों को सम्बोधित करते हुए उन्होनें कहा कि अगर हमारा रोज़ा हमें झूठ बोलने,बुरी निगाह से ताकने,गंदी बातें करने,हराम कमाने,शराब पीने से नहीं रोकता तो इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि वह इंसान रोज़ेदार नहीं है। उन्होनें कहा कि रमज़ान के तीस दिन हमें तमाम बुराइयों को छोड़ कर खुदा के हुक्म के मुताबिक जीवन व्यतीत करना चाहिए। इस अवसर पर मरकज़ी सीरत कमेटी के पूर्व अध्यक्ष हफ़ीज़ शाह ने कहा कि सभी मस्जिदों मे अक़िदत के साथ जुमे की नमाज अदा की गयी और प्रशासन व नगर पालिका का पूरा सहयोग मिला। हफ़ीज़ शाह ने बताया पवित्र रमज़ान के पहले जुमे की नमाज़ के मौके पर लाखों मुसलमान मस्जिदों में इक्ट्ठे हुए जहां पर नमाज़ के बाद दुनिया व मुल्क में अमन की दुआएं भी मांगी गई। इसके अलावा नगर की शाही क़िला मस्जिद, लाल मस्जिद हनुमान घाट, शाही लाल दरवाज़ा मस्जिद, आलम मस्जिद, सब्जी मण्डी मस्जिद, आया मस्जिद,  ज़क़रिया मस्जिद, गौशाला मस्जिद, मोहम्मद हसन मस्जिद, चहारसु मस्जिद, ज़हांगीराबाद मस्जिद, हादी रज़ा मस्जिद, जुमा मस्जिद सिपाह समेत सभी जुमा मस्जिदों मे अलग-अलग समय पर जुमा की नमाज़ अदा की गयी।

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