जौनपुर धारा,मछलीशहर। स्थानीय कोतवाली क्षेत्र के अमारा गांव में चारागाह की भूमि पर लगभग एक दशक से अवैध कब्जा कर खेती करने के मामले में कार्यवाही करते हुए राजस्व अधिकारियों द्वारा लेखपाल के माध्यम से फसल काटने से किसान को मना किया था। मना करने के बावजूद कब्जा धारक ने गेहूं की फसल उगाई। जिसे राजस्व विभाग द्वारा कटवाकर नीलाम कर दिया गया है। प्राप्त धनराशि को राजकोष में जमा कराया गया है। नवम्बर माह में आयोजित समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र पड़ा तो डीएम ने उक्त मामले में जबरदस्ती चरागाह की भूमि पर कब्जा करने वाले लोगों पर एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया था। लेखपाल की तहरीर पर पुलिस ने 4 नवम्बर को उक्त गांव के सुरेश, राकेश कुमार, ओमप्रकाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। बावजूद इसके उक्त गांव में लगभग चार बीघे चरागाह, बांध और भीटा खाते की भूमि पर गेहूं बो दिया गया। उक्त सार्वजनिक संपत्ति को खाली कराने के लिए कुछ ग्रामीणों द्वारा राजस्व विभाग में कई वर्षो से लगातार शिकायत की जा रही है। लेकिन कब्जा धारक ने धान की रोपाई की और फसल को काट लिया। जिसके बाद तहसीलदार द्वारा धान की फसल के बाजार मूल्य के हिसाब से पांच प्रतिशत रकम सरकारी खजाने में जमा करने का आदेश दिया गया था। किंतु कोई रकम जमा नही की गई। ग्रामीणों द्वारा पुनः प्रार्थना पत्र देने पर 2 दिसम्बर को राजस्व विभाग ने पुनः बेदखली का आदेश पारित कर कागज में बेदखली कार्यवाही पूरी कर ली। इधर 18दिसम्बर को अवैध कब्जा करने वाले लोगो के द्वारा फिर से गेहूं और आलू की फसल की बुवाई कर दी गई। ग्रामीणों ने पुनः 20 दिसंबर को जिलाधिकारी कार्यालय में उक्त प्रकरण को लेकर प्रार्थना पत्र दिया था। राजस्व अधिकारी बोई गई गेहूं की फसल तैयार होने के बाद कटाई करवाया। शनिवार को नायब तहसीलदार संतोष कुमार ने गांव में राजस्व टीम के साथ जाकर उक्त भूमि से प्रात साढ़े 6 कुंतल गेहूं 12000 रुपए में और भूसा को 1300 रुपए में नीलाम कर दिया। प्राप्त धनराशि सरकारी खजाने में जमा की गई हैं। नायब तहसीलदार संतोष कुमार ने कार्यवाही की पुष्टि करते हुए उक्त जानकारी दी है।
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