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Homeअपना जौनपुरभारतीय ज्ञान परम्परा गवर्नेन्स के लिए महत्वपूर्ण : प्रो.एचसी पुरोहित

भारतीय ज्ञान परम्परा गवर्नेन्स के लिए महत्वपूर्ण : प्रो.एचसी पुरोहित

  • प्रबंधन अध्ययन संकाय में वैदिक अध्ययन केंद्र में हुआ विशेष व्याख्यान

जौनपुर धारा, जौनपुर। वीरबहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययन संकाय में वैदिक अध्ययन केंद्र द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यान में दून विश्वविद्यालय देहरादून के प्रबंध संकाय के संकायाध्यक्ष प्रोफेसर एचसी पुरोहित ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा गवर्नेन्स एवं नेतृत्व के लिए महत्वपूर्ण है। भारतीय ज्ञान परंपरा निष्पक्ष कार्य पद्धति एवं समरसता के सिद्धांत पर कार्य करने को प्रेरित करती है। ऐसे कई प्रसंग एवं उदाहरण प्रस्तुत करते हुए प्रोफेसर पुरोहित ने कहा कि महाभारत भगवत गीता, रामचरित मानस जैसे तमाम ग्रंथ है। जिन का अनुसरण कर समाज में भाईचारा, विश्व बंधुत्व एवं सद्भाव स्थापित किया जा सकता है, साथ ही व्यवसाय व उद्योग जगत तथा संस्थाओं के कार्यप्रणाली में यदि उस ज्ञान का उपयोग होगा तो समाज के प्रत्येक व्यक्ति को न्याय एवं निष्पक्ष भाव से नीति निर्धारण में सहयोग करने के अवसर प्राप्त होंगे। आज आवश्यकता ऐसे समाज के निर्माण की है, जहां राग द्वेष खत्म हो और आपस में भाईचारा स्थापित हो। प्रो.पुरोहित ने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें इन्हीं प्रसंग एवं उदाहरण से प्रेरणा लेकर नीतियों का निर्माण करना होगा पिछले 10वर्षों में गरीबी रेखा से करोड़ों लोग बाहर आए। आवश्यकता है कि युवा शक्ति को और मजबूती मिले और इसके लिए कौशल विकास जैसे कार्यक्रम ग्रामीण स्तर पर बृहद स्तर पर पैमाने पर संचालित किए जाने होंगे ताकि वह स्वरोजगार की ओर स्वतः प्रेरित होकर उद्यमिता स्वयं का उद्यम प्रारंभ करने की स्थिति में होंगे। वैदिक शास्त्रों एवं ग्रंथो के अनुरूप नारी शक्ति, महिला सशक्तिकरण केंद्रित समाज की स्थापना करके ही भारत विश्व का नेतृत्व करने में सक्षम होगा। इस दृष्टि से हमें आध्यात्मिकता प्रेरित नेतृत्व की आवश्यकता है और हमें खुशी है कि पूरा विश्व आज भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है। क्योंकि विश्व के कई देशों में आपस में अशांति एवं द्वंद चल रहा है, ऐसे में भारतीय ज्ञान पर आधारित नीति निर्धारण से ही शांति एवं प्रसन्नचित समाज की स्थापना की जा सकती है। इस अवसर पर विषय प्रवर्तन करते हुए प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर ने वैदिक अध्ययन केंद्र के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। प्रो.मानस पांडेय ने स्वागत एवं धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.आशुतोष कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉक्टर रसिकेश, जनसंपर्क अधिकारी डॉ.अमित वत्स, सुशील कुमार, आलोक गुप्ता, डॉ.इंद्रेश गंगवार, डॉ.अभिनव, अनुपम कुमार, श्री ज्ञानेन्द्र, डॉ.अंजली, मनोज, राकेश उपाध्याय, अभिनव, अनुपम कुमार उपस्थित थे।

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