- कागजों में अव्वल और धरातर पर जीरो अवस्था में संचालित हो रही बसें
- परिवहन प्रशासन व शासन ले संज्ञान, वर्ना खड़ी हो सकती है मुसीबत
- कहीं आधे रास्ते में टूट जाता है गेयर साफ्ट तो किसी बस की छत से टपकता है पानी
जौनपुर धारा, जौनपुर। इन दिनों को बसों के संचालन में यात्रियों की असुविधाओं को लेकर जौनपुर डिपो काफी चचार्ओं में बना हुआ है। आये दिन ट्वीटर सहित अन्य सोशल मीडिया पर नये-नये वीडियो के साथ शिकायतें की जा रही हंै, लेकिन जिम्मेदारों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। कभी चलती बस का गेयर साफ्ट टूट जाता है तो हल्की बरसात में बस की छत से पानी टपकने लगता है। बसों की बिगड़ी अवस्था में अगर सुधार नहीं किया गया तो बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता। परिवहन प्रशासन व शासन अगर जौनपुर रोडवेज से अंजान रहे तो यहां के कर्मचारी उनकी साख में बट्टा लगाने में पीछे नहीं रहेंगे।
पिछले दिनों जौनपुर धारा ने तमाम खबरों के माध्यम से सरकारी बसों में उत्पन्न होने वाली यात्री असुविधाओं की खबर प्रकाशित कर परिवहन प्रशासन व शासन को अवगत कराने का कार्य किया था लेकिन जौनपुर डिपो से संचालित बसों की बिगड़ी अवस्था में सुधार होने का नाम ही नहीं है। खानापूर्ति के लिये शिकायत मिली बसों को रिपेयरिंग के नाम पर खड़ा करा लिया गया और आधा अधूरा कार्य कराकर कोरम पूर्ण कर लिया जाता है। अभी हाल में ही टूटी सीटों की खबर प्रकाशित की गयी थी लेकिन अभी वह बस सही नहीं हो सकी थी कि गौरव मिश्रा नामक एक युवक ने जौनपुर डिपो की एक बस यू.पी.६५एटी-४९९१ गाड़ी का वीडियो व सफर के दौरान की टिकट की फोटो सहित ट्वीटर पर शिकायत की है। जिसमें साफ तौर पर देखा जा रहा है कि जौनपुर डिपो की यह बस हल्की बरसात भी झेल पाने में सक्षम नहीं है। सूत्रों की मानें तो सोशल मीडिया की इस शिकायत को उच्चाधिकारियों ने संज्ञान लिया और सम्बन्धित अधिकारी को बसों को दुरूस्त कराने की चेतावनी दी और फिर बस को दुरूस्त कराने के नाम पर पानी टपक रहे बस की काम चलाऊ मरम्मत करा दी गई। लेकिन इसी तरह की कई समस्याएं लगातार बसों में बनी हुई हंै, जो कि सरकारी तंत्र को धूल फंका रही है। ऐसे में एक के बाद एक खटारा बसों की अवस्था रोडवेज कर्मचारियों की कामचोरी की मिसाल पेश कर रही है। हर शिकायत पर उच्चाधिकारी दिशा निर्देश देकर अपनी जिम्मेदारी से बरी हो जातें है। जबकि यह गैर जिम्मेदाराना रवैया यह साबित कर रहा है कि जौनपुर के वर्कशॉप में तैनात जिम्मेदार अधिकारियों से डिपो नहीं सम्भाला जा रहा है और उच्चाधिकारियों के आदेश निर्देश कूड़ेदान में डाल दिया जा रहा है। जबकि प्रदेश की योगी सरकार का सख्त निर्देश है कि यात्रियों की सुविधाओं में कोई कमी नहीं होनी चाहिये। बावजूद इसके डिपो की हालत दिन-ब-दिन खस्ता होती जा रही है। आखिरकार यात्री पैसा देने के बावजूद इतनी परेशानी क्यों झेलते हैं यह तो वही बता सकते हैं।