चित्रकूट. इन दिनों बुंदेलखंड क्षेत्र के चित्रकूट जिले में फूलों की खेती से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. दरअसल धर्मनगरी चित्रकूट में फूलों की खपत काफी अधिक होती है. पहले यह फूल अन्य जनपदों और राज्यों से यहां तक पहुंचते थे, लेकिन अब यहां के किसान स्वयं फूल की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. वहीं, जब यह फूल की खेती नहीं करते थे, तब यह दूसरों की खेतों में मजदूरी किया करते थे या दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी का काम करते थे.
दरअसल पठारी क्षेत्र में फसल अच्छी नहीं होती थी और जो भी फसल लगाई भी जाती थी, वह अन्ना प्रथा के कारण खराब हो जाती थी. इस वजह से यहां के किसानों ने फूल की खेती करने की सोची और अब यह सफल भी है. पहले बाहर से फूल आने के कारण श्रद्धालुओं को महंगे फूल खरीदने पड़ते थे, लेकिन अब चित्रकूट के किसान फूलों की खेती कर रहे हैं. इस वजह से श्रद्धालुओं को कम पैसे में फूल मिल जाते हैं. एक तरफ किसान अच्छीआमदनी होने प्रसन्न नजर आ रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ श्रद्धालु भी अपने आराध्य की आराधना में आसानी से फूल चढ़ा रहे हैं.
क्या कहते हैं किसान?
किसान के विजय सिंह कहते हैं कि बुंदेलखंड काफी पिछड़ा इलाका है और बुंदेलखंड में अन्ना प्रथा अधिक हैं. अन्य फसलों में काफी दिक्कत होती थी, इसलिए फूलों की खेती हमको बेहतर लगी. सबसे खास बात यह है कि धर्मनगरी होने की वजह से चित्रकूट में फूलों की खपत अधिक रहती है. पहले हम मजदूरी करते थे, उसमे हमें फायदा नहीं दिखा. जब से हम फूलों की खेती करने लगे हैं, तो 5 से 10 हजार प्रतिदिन कमा लेते हैं. किसान विजय सिंह फूलों की खेती करीब तीन बीघा करते हैं . उनका कहना है कि जबसे वह फूलों की खेती करने लगे हैं तब से वह अन्य किसानों को भी फूल की खेती करने की सलाह देने लगे हैं.