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Homeउत्तर प्रदेशपूल काउंसिलिंग में नहीं भरीं बीएड की सीटें

पूल काउंसिलिंग में नहीं भरीं बीएड की सीटें

बीएड में प्रवेश को लेकर प्रदेश स्तर पर चल रही पूल काउंसिलिंग भी शनिवार को समाप्त हो गई। लेकिन, विद्यार्थियों के रुचि न लेने के चलते गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध 101 कालेजों की 1194 सीटें खाली रह गईं हैं। पूल काउंसिलिंग से महज 32 सीटों को भरने में ही सफलता मिल सकी है। वहीं, ईडब्लूएस कोटे की 950 सीटों में से 695 सीटें अब भी खाली है। अब कॉलेजों को 22 से 25 नवंबर तक सीधे प्रवेश लेने का मौका दिया गया है।

गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया में शहर के सभी कालेजों की सामान्य सीटें पहले ही भर चुकी थीं। ग्रामीण इलाकों के कॉलेजों में पूल काउंसिलिंग से सीटों के भरने की उम्मीद थी। लेकिन, पूल काउंसिलिंग में छात्रों के कम प्रवेश लेने से निराशा ही हाथ लगी है। हालांकि, कोरोना काल के चलते बीते सत्रों में शहर के भी कई कालेजों की बीएड सीटें नहीं भर सकी थीं। उनके लिए यह सत्र अच्छा रहा है क्योंकि शहरी क्षेत्र वाले कॉलेजों में बीएड की सीटें भर गई हैं।

सीधे प्रवेश में एकमुश्त जमा करना होगा शुल्क
पूर्व निर्धारित नियम के अनुसार कॉलेज अब अपने स्तर से बीएड में सीधे प्रवेश ले सकेंगे। सीधे प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थी को प्रवेश के दौरान बीएड प्रथम वर्ष के लिए निर्धारित 51 हजार 250 रुपये फीस एकमुश्त जमा करनी होगी। सीधे प्रवेश भी उन्हीं अभ्यर्थियों का लिया जा सकेगा, जिन्होंने प्रवेश परीक्षा की दोनों पालियों में हिस्सा लिया था और उन्हें कोई न कोई रैंक आवंटित हुई है।

स्ववित्तपोषित महाविद्यालय प्रबंधक महासभा महामंत्री डॉ. सुधीर राय ने कहा कि पूल काउंसिलिंग में मात्र 32 सीटों के भरने से कॉलेजों के प्रबंधकों को निराशा हाथ लगी है। अब सीधे प्रवेश का अवसर मिला है, उम्मीद है कि विद्यार्थी प्रवेश को लेकर रुचि दिखाएंगे।

बीएड में प्रवेश को लेकर प्रदेश स्तर पर चल रही पूल काउंसिलिंग भी शनिवार को समाप्त हो गई। लेकिन, विद्यार्थियों के रुचि न लेने के चलते गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध 101 कालेजों की 1194 सीटें खाली रह गईं हैं। पूल काउंसिलिंग से महज 32 सीटों को भरने में ही सफलता मिल सकी है। वहीं, ईडब्लूएस कोटे की 950 सीटों में से 695 सीटें अब भी खाली है। अब कॉलेजों को 22 से 25 नवंबर तक सीधे प्रवेश लेने का मौका दिया गया है।

गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया में शहर के सभी कालेजों की सामान्य सीटें पहले ही भर चुकी थीं। ग्रामीण इलाकों के कॉलेजों में पूल काउंसिलिंग से सीटों के भरने की उम्मीद थी। लेकिन, पूल काउंसिलिंग में छात्रों के कम प्रवेश लेने से निराशा ही हाथ लगी है। हालांकि, कोरोना काल के चलते बीते सत्रों में शहर के भी कई कालेजों की बीएड सीटें नहीं भर सकी थीं। उनके लिए यह सत्र अच्छा रहा है क्योंकि शहरी क्षेत्र वाले कॉलेजों में बीएड की सीटें भर गई हैं।

सीधे प्रवेश में एकमुश्त जमा करना होगा शुल्क

पूर्व निर्धारित नियम के अनुसार कॉलेज अब अपने स्तर से बीएड में सीधे प्रवेश ले सकेंगे। सीधे प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थी को प्रवेश के दौरान बीएड प्रथम वर्ष के लिए निर्धारित 51 हजार 250 रुपये फीस एकमुश्त जमा करनी होगी। सीधे प्रवेश भी उन्हीं अभ्यर्थियों का लिया जा सकेगा, जिन्होंने प्रवेश परीक्षा की दोनों पालियों में हिस्सा लिया था और उन्हें कोई न कोई रैंक आवंटित हुई है।

स्ववित्तपोषित महाविद्यालय प्रबंधक महासभा महामंत्री डॉ. सुधीर राय ने कहा कि पूल काउंसिलिंग में मात्र 32 सीटों के भरने से कॉलेजों के प्रबंधकों को निराशा हाथ लगी है। अब सीधे प्रवेश का अवसर मिला है, उम्मीद है कि विद्यार्थी प्रवेश को लेकर रुचि दिखाएंगे।

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