यूक्रेन से जंग के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने बेहद ही घातक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस जंगी बेड़े को अटलांटिक महासागर में तैनात किया है. पुतिन ने जिरकॉन मिसाइल से लैस युद्धपोत को कॉम्बैट ड्यूटी पर तैनात किया है. हाइपरसोनिक मिसाइल से लैस रूसी नौसेना के युद्धपोत की तैनाती से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि रूस किसी भी हाल में यूक्रेन युद्ध से पीछे नहीं हटने जा रहा है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने सशस्त्र बलों की लड़ाकू क्षमताओं को विकसित करने और आधुनिक हथियारों का उत्पादन जारी रखने की कसम खाई है.
हाइपरसोनिक मिसाइल ‘जिरकॉन’ तैनात
हाइपरसोनिक मिसाइल अपनी गति और सटीकता की वजह से विरोधी पर बढ़त हासिल करने के बेहतरीन हथियार के रूप में साबित हो सकते हैं. रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू और एडमिरल ऑफ द फ्लीट ऑफ द सोवियत यूनियन गोर्शकोव जंगी बेड़े के कमांडर इगोर क्रोखमल के साथ एक वीडियो कांफ्रेंस में पुतिन ने कहा कि युद्धपोत जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइल से लैस था. उन्होंने कहा कि इस तरह के ताकतवर हथियार रूस को संभावित बाहरी खतरों से मजबूती के साथ सुरक्षा करेंगे.
जिरकॉन मिसाइल की ताकत
रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने कहा कि जिरकॉन मिसाइल से लैस यह जहाज समुद्र और जमीन पर दुश्मन के खिलाफ सटीक और शक्तिशाली हमले करने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि हाइपरसोनिक मिसाइलें किसी भी मिसाइल रक्षा प्रणाली (Missile Defence System) को मात दे सकती हैं. मिसाइलें ध्वनि की गति से नौ गुना अधिक गति से उड़ती हैं और इनकी रेंज 1,000 किमी से अधिक है. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने पहले दावा किया था कि इन मिसाइलों का दुनिया में कोई मात नहीं दे सकता है.