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Homeअपना जौनपुरपीड़ित पक्ष को दरोगा ने दी गोली मारने की धमकी

पीड़ित पक्ष को दरोगा ने दी गोली मारने की धमकी

  • विपक्षी से पैसा लेकर जबरन जमीन पर कब्जा दिलाने का लगा आरोप
  • सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के कोटवार बाजार का मामला

जौनपुर। सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के सोमवार की शाम कोठवार बाजार में एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे है। वर्षों पुराने भूमि विवाद में एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया। इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जमीनी विवाद न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद भी एक पक्ष ने स्थानीय पुलिस ने सिद्धिकपुर चौकी प्रभारी पर विपक्षी से पैसा लेकर जबरन जमींन पर कब्जा कराने का आरोप लगाया है, और सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दरोगा के द्वारा एक पक्ष के नाती को थाने में गोली मारने की धमकी देने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

सूत्र बतातें है कि कोठवार बाजार में एक परिवार की जमीन को लेकर पिछले कई वर्षों से विवाद चल रहा है। मामला अब न्यायालय में लंबित है और सभी पक्ष कानूनी प्रक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके बाद भी सोमवार की शाम विवादित जमीन पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की गई। आरोप है कि इस कब्जे की कोशिश पुलिस संरक्षण में कराई जा रही थी। जिसमें दरोगा की धमकी का वीडियो वायरल होने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है। वायरल वीडियो में सिद्दीकपुर के चर्चित चौकी के दरोगा विपक्षी पक्ष के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं और पीड़ित महिला परिवार के युवक विशाल को खुलेआम थाने में गोली मार देने की धमकी दे रहे हैं, और वृद्ध महिला को उसी के नाती के इनकाउंटर धमकी दे रहें है, वृद्ध महिला नाती को बचाने के लिए दरोगा का पैर छू रही है। उसके बाद भी वृद्ध महिला को गाली भी दे रहे हैं। वीडियो में दरोगा की भाषा और व्यवहार से न सिर्फ पीड़ित परिवार भयभीत है, बल्कि स्थानीय लोगों में भी भारी आक्रोश देखा जा रहा है।

पीड़ित परिवार ने लगाया गंभीर आरोप

पीड़ित पक्ष का कहना है कि जब उन्होंने जमीन पर कब्जा करने का विरोध किया, तो दरोगा मौके पर पहुंचकर और विपक्षी पक्ष का साथ देते हुए उन्हें ही धमकाने लगे। पीड़ित का कहना है कि दरोगा ने विपक्षी से मोटी रकम लेकर जमीन खाली कराने की साजिश रची है। इतना ही नहीं, पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया है कि जब उन्होंने दरोगा से न्याय की गुहार लगाई, तो उन्होंने खुलेआम जान से मारने की धमकी दी।

न्यायालय में विचाराधीन है मामला, फिर भी हो रही मनमानी

यह पूरी घटना पुलिस की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़ा कर रही है। कि जब मामला न्यायालय में लंबित है, तो किसी भी पक्ष द्वारा किसी तरह की कार्यवाही करना कानून का उल्लंघन है। ऐसे में पुलिस की भूमिका और भी संवेदनशील होनी चाहिए थी। लेकिन यहां तो दरोगा खुद ही एक पक्ष बनते हुए दिखाई दे रहे हैं, जो न सिर्फ कानून के विपरीत है बल्कि पूरे पुलिस विभाग की छवि को भी धूमिल कर रहा है। थाना प्रभारी विनय प्रकाश सिंह ने बताया कि अभी तक कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।

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