बारातियों को आवभगत के बाद किया विदा, वर के पिता, चाचा और फूफा को बनाया बंधक
जौनपुर धारा,खुटहन। स्थानीय थाना क्षेत्र के एक गांव में बिटिया की शादी की बारात आने से पहले ही गांव पहुंची दुष्कर्म की पीड़िता ने एक युवती का जीवन बर्बाद होने से बचा लिया। जिस वर के साथ उसके शादी की बारात आने वाली थी,वहीं पूर्व में पीड़िता के साथ शादी का झांसा देकर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया था। उसका यह भी आरोप था कि प्रेमी के द्वारा जबरन उसका गर्भपात भी कराया गया है। जब वधू पक्ष उसकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया तो उसने सुल्तानपुर जिले के लंभुआ थाने में दर्ज दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं के मुकदमे की कापी भी दिखाई। तब जाकर उसका यकीन किया गया। वधू पक्ष मामले को बारात आने तक छुपाए रखा। उक्त गांव निवासी एक व्यक्ति की पुत्री का विवाह सुल्तानपुर जिले के लंभुआ थाना अन्तर्गत वेदूपारा गांव निवासी रामसुख यादव के पुत्र आशीष यादव के साथ तय थी। आशीष साफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर तैनात हैं। गत शुक्रवार को बारात आने वाली थी। कन्या पक्ष के द्वारा सुबह से ही शादी समारोह की तैयारियां की जा रही थी। शाम लगभग सात बजे गांव में अपने पिता के साथ एक युवती पता पूछते हुए आती है। वह कन्या पक्ष के एक पड़ोसी के घर जाकर बैठ जाती है। वहीं वह कन्या के पिता को बुलवाकर सारी बातें बताती है। उसने बताया कि जिसकी शादी आपने तय किया है। वह पहले मेरा प्रेमी रह चका है। उसने शादी का झांसा देकर उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए। उससे वह गर्भवती भी हो चुकी है। उसने जबरदस्ती एवार्शन भी करा दिया था। आरोप लगाया कि जब वह नौकरी नहीं करता था तो हमारे साथ शादी करने की बात करता था। नौकरी मिलने के बाद उसके द्वारा हमें रास्ते से हट जाने की धमकियां दी जा रही है। वह मुकदमे की कापी दिखाते हुए कहा कि उसके खिलाफ लंभुआ थाने में दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में हमने मुकदमा भी दर्ज कराया है। इतना बताने के बाद वह युवती वहां से अपने घर चली गई। इधर पूरा मामला समझने के बाद भी कन्या के पिता ने इसे गोपनीय रखा। रात को बारात घर पहुंची तो बारातियों को नाश्ता भोजन कराने के बाद उन्हें सम्मान पूर्वक विदा कर दिया गया। दूल्हे के पिता रामसुख, चाचा रामसजीवन, और फूफा गोविंद प्रसाद को बंधक बना लिया गया। जब उनसे दूल्हे की पूर्व कहानी को लेकर पूछताछ की गई तो वे इसे पहले तो झूठा आरोप बताने लगे। लेकिन जब मुकदमे की कापी दिखाई गई तो उनकी घिग्घी बंध गई। कन्या पक्ष का कहना था कि उपहार स्वरूप जो साढ़े छह लाख रुपए दिए गए हैं। उसे वापस कर दीजिए। जो खाने खिलाने में खर्चे हुए हैं,वह हमें नहीं चाहिए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया। थाने पर चली पंचायत में वर पक्ष पैसा वापस करने को तैयार हो गया । लेकिन समय देने मांग करने लगा। कन्या पक्ष बगैर हाथ में पैसा आये उन्हें छोड़ने को राजी नहीं हो रहा है। खबर लिखे जाने तक मामले में पंचायत चल रही है।